मप्र में स्टार प्रचारकों बढ़ी डिमांड

मप्र में स्टार प्रचारकों बढ़ी डिमांड
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भोपाल/राजनीतिक संवाददाता। लोकसभा चुनाव 2019 के रण में एक दूसरे को हराने के लिए भले ही राजनीतिक दलों ने तलवारें मयान से बाहर निकाल ली हों, लेकिन लोकसभा सीट जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को सेनापति का टोटा अभी से सताने लगा है। आम चुनाव में जनता के बीच जाने के लिए दलों को स्टार प्रचारकों की तलाश तेज कर दी है। देश की सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच संग्राम छिड चुका है। मैदान-ए-जंग में कौन किसके सामने होगा। इसको लेकर कहीं तस्वीर साफ तो कहीं धुंधली है, लेकिन सियासी दलों की इस बार सबसे बड़ी मुश्किल स्टार प्रचारकों की है। भाजपा हो या कांग्रेस सभी इस बार एक दूसरे से मिल रही कड़ी चुनौती से परेशान हैं। हालात ये है कि दोनों ही दल के ज्यादातर स्टार प्रचारक इस बार चुनाव के मैदान में है। और मुश्किल इस बात को लेकर है कि अपनी लोकसभा या फिर अपनों को जीताने का प्लान बनाये या फिर दूसरी सीट पर जिताने के लिए रही डिमांड को पूरा करें। बात सबसे पहले भाजपा की। भाजपा के स्टार प्रचारकों पर नजर डालें तो,मध्य प्रदेश में सबसे डिमांड वाले भाजपा स्टार प्रचारकों की सूची :

नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, धर्मेन्द्र प्रधान, स्मृति ईरानी, मुख़्तार अब्बास नक़वी, योगी आदित्य नाथ, शिवराज सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह तोमर, हेमा मालिनी, थावरचंद गहलोत तथा हाल ही में भाजपा में शामिल हुई अभिनेत्री जयाप्रदा, राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेन्द्र कुमार, विक्रम वर्मा, बाबूलाल गौर, सत्य नारायण जटिया, नंदकुमार सिंह चौहान, यशोधरा राजे सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य का नाम शामिल है। पार्टी की मुश्किल ये है कि इनमें से ज्यादातर चेहरे इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं तो कुछ पर प्रदेश के प्रभार की जिम्मेदारी है। सिर्फ भाजपा ही नही बल्कि कांग्रेस का सूरतेहाल भी कुछ इसी तरह का है।

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की संभावित सूची : सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, अशोक गहलोत, दीपक बावरिया, कमलनाथ,अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमरिंदर सिंह, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सुशील कुमार शिंदे, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा का नाम शामिल है। सिंधिया गुना और शिवपुरी के साथ य़ूपी के चुनाव में व्यस्त हैं, तो कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव और बेटे नकुलनाथ के पक्ष में माहौल बनाने में व्यस्त हैं। दिग्विजय खुद भोपाल सीट से प्रत्याशी हैं। इसी तरह से ज्यादातर चेहरे लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं या फिर कतार में हैं। ऐसे में कांग्रेस की भी मुश्किल स्टार प्रचारकों को लेकर है। बहरहाल इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की हर सीट कड़े मुकाबले के कारण टफ हो गई है। ऐसे में हर लोकसभा से स्टार प्रचारकों की मांग अभी से जोर पकडऩे लगी है। लेकिन सवाल ये है, कि इस बार नेता अपनी जीत को सुनिश्चित करें या फिर डिमांड वाली सीट पर प्रचार।


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