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"मंडला" में किसका होगा "मंगल"
अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित मंडला लोकसभा सीट को लेकर ये सवाल इस बार चुनाव में गूंज रहा है, क्योंकि कभी कांग्रेस की परंपरागत सीट रहने वाली मंडला पर 2009 को छोड़ 5 चुनावों से भाजपा का कब्जा है। 2018 के विधानसभा चुनाव को देखकर तो लगता है कि जनता का मूड भी कुछ बदला नजर आ रहा है तो 2019 में जनता किसे जीत का हार पहनाती है ये दिलचस्प है। करीब 15 साल के वनवास के बाद बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस ने भाजपा के कई किलों को धराशाई किया। लेकिन खुद को छप्पर फाड़ समर्थन देने वाले आदिवासी इलाकों में कांग्रेस कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, जिनमें एक मंडला लोकसभा सीट है ।
कांग्रेस का गढ़ रही अब भाजपा का कब्जा
62 साल में मंडला सीट पर अब तक 8 बार कांग्रेस तो 5 बार भाजपा का कब्जा रहा है। वहीं एक बार लोकतांत्रिक दल का जलवा दिखा, लेकिन इस बार का हिसाब अलग है। यही वजह है कि भाजपा कांग्रेस दोनों अभी से इस सीट को जीतने सियासी गुणा भाग में जुट गए हैं। कांग्रेस ने एक स्टेप फॉरवर्ड जाते हुए डिंडौरी विधायक और पिछली बार सांसद का चुनाव हारे ओमकार सिंह मरकाम को मंत्री का पद देकर आदिवासियों की उम्मीद बढ़ाई है।
मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का रिपोर्ट कार्ड
16वीं लोकसभा में सासंद जी की उपस्थिति 85 प्रतिशत रही। मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने 109 सवाल पूंछे और 41 बहस में लिया हिस्सा भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों नेमतदाताओं को लुभाने के लिएअपनी-अपनी चाल चल दी है। अब देखना होगा मंडला लोकसभा सीट में रहने वाले मतदाता किसपर भरोसा जताते हैं।
मंडला में कब कौन रहा सांसद
1957 मंगरु गानू उइके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 मंगरु गानू उइके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 मंगरु गानू उइके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971 मंगरु गानू उइके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 श्याम लाल ध्रुर्वे भारतीय लोकदल
1980 छोटे लाल सोनू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984 मोहन लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989 मोहन लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1991 मोहन लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1996 फग्गन सिंह कुलस्ते भारतीय जनता पार्टी
1998 फग्गन सिंह कुलस्ते भारतीय जनता पार्टी
1999 फग्गन सिंह कुलस्ते भारतीय जनता पार्टी
2004 फग्गन सिंह कुलस्ते भारतीय जनता पार्टी
2009 बसोरी सिंह मेश्राम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014 फग्गन सिंह कुलस्ते भारतीय जनता पार्टी
मंडला सीट का चुनावी इतिहास
मंडला सीट में डिंडौरी, मंडला और सिवनी की 2 और नरसिंहपुर जिले की एक सीट शामिल है। इस लोकसभा सीट में आने वाली सभी 8 विधानसभा का चुनाव परिणाम देखें तो 2013 के मुकाबले 2018 में भाजपा ने अपनी साख गवाई है। हालांकि आदिवासी इलाके में भाजपा का हाथ यूं भी तंग रहा, लेकिन 2018 के चुनाव परिणाम ने भाजपा को एक बार फिर सोचने पर मजबूर जरूर किया। मडंला लोकसभा सीट की बात करें तो, साल 1957 में पहली बार मंडला सीट पर चुनाव हुआ। मडंला लोकसभा सीट साल 1957 से 1977 तक 20 साल कांग्रेस के कब्जे में रही। साल 1977 में पहली बार भारतीय लोकदल ने कांग्रेस से यह सीट छुड़ाई। साल 1980 में फिर मंडला सीट पर लोगों ने कांग्रेस का साथ दिया, इस सीट पर कांग्रेस 1980 से लेकर 1996 तक काबिज रही । साल 1996 में भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते का जादू चला, जो साल 2004 तक निरंतर जारी रहा और फग्गन सिंह कुलस्ते लगातार चार बार इस सीट से सांसद चुने गए। यह भाजपा के लिए स्वर्णिमकाल कहा जा सकता है। लेकिन साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और भाजपा के कब्जे से छीनकर कांग्रेस के मेसराम ने जीत दर्ज की। कांग्रेस अपनी इस वापसी को ज्यादा समय के लिए स्थाई नही रख पाई और साल 2014 में मोदी लहर में फिर मंडला सीट भगवा रंग में रंग गई। 5वीं बार फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से सांसद बने।