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प्रधानमंत्री मोदी 15 नवम्बर को जनजातीय महासम्मेलन को करेंगे संबोधित
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित महासम्मेलन के दो प्रसंग हैं। प्रथमत: यह महासम्मेलन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर हो रहा है। इसके अतिरिक्त जनजातियों के लिए आरंभ शासकीय योजनाओं से जनजातीय भाई-बहनों को मिले लाभ और उनके जीवन में आए बदलाव से उत्पन्न आनंद के प्रकटीकरण का भी उत्सव है। प्रदेश के लिए यह गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महासम्मेलन को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में आगामी 15 नवंबर को भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन और देश के प्रथम पीपीपी माध्यम से निर्मित हबीबगंज रेलवे स्टेशन के लोकार्पण के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सभी भोपाल संभागायुक्त तथा कलेक्टर वर्चुअली शामिल हुए।
दोपहर 12 बजे से होगा कार्यक्रम -
मुख्यमंत्री ने कहा कि महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश में सिकलसेल उन्मूलन मिशन और राशन आपके द्वार योजना का शुभारंभ भी करेंगे। कार्यक्रम में पीवीटीजी शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे और तथा कोविड-19 पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से आरंभ होगा। भोपाल सहित प्रदेश की प्रत्येक जनजाति बहुल ग्राम पंचायत में कार्यक्रम होंगे, जहां टी.वी. सेट तथा वेबकास्ट के माध्यम से जनजातीय भाई-बहनों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री के संबोधन से अधिक से अधिक प्रदेशवासियों को जोड़ा जाए -
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से प्रदेश के सभी जनजातीय महिला स्व-सहायता समूह की बहनों, शासकीय योजनाओं के हितग्राही, विद्यार्थियों, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों, किसान सम्मान योजना के हितग्राहियों, लाड़ली लक्ष्मी योजना में लाभान्वित बेटियों और ऐसी अन्य योजनाओं से जुड़े सभी व्यक्तियों और अधिकाधिक प्रदेशवासियों को जोड़ा जाए।
व्यवस्थित तथा सुरक्षित हो परिवहन, भोजन और आवास की व्यवस्था -
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाले व्यक्तियों के लिए व्यवस्थित तथा सुरक्षित परिवहन, भोजन और आवास व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम के साथ प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए और बसों के आवागमन के संबंध में कंट्रोल रूम निरंतर परस्पर सम्पर्क में रहें। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक बस की जिम्मेदारी एक प्रशासकीय अधिकारी-कर्मचारी और एक जन-प्रतिनिधि को दी जाए। जिला स्तर पर भी समन्वयक नियुक्त कर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
जनजातीय जननायकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि -
बैठक में बताया गया कि कार्यक्रम में जनजातीय जननायकों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। कार्यक्रम में विभिन्न जनजातियों के लगभग 2 लाख व्यक्ति सहभागिता करेंगे। वेबकॉस्ट के माध्यम से लगभग एक करोड़ जनजाति भाई-बहनों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। प्रदेश की सभी जनजातियां जैसे गोंड, बैगा, भील, कोरकू, सहरिया, कोल आदि की कार्यक्रम में सहभागिता होगी। यह कार्यक्रम जनजातियों की परम्परागत वेशभूषा, संस्कृति, जीवन मूल्यों आदि को अभिव्यक्त करेगा। कार्यक्रम में वोकल फॉर लोकल की थीम पर आजीविका मिशन और वन-धन योजना में जनजातीय समुदाय के स्व-सहायता समूह के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।