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भोपाल: सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली की बचत कर रहा रेलवे
भोपाल । रेलवे द्वारा भोपाल मण्डल में सौर ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली एवं राजस्व की बचत की जा रही है। साथ ही ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। मंडल कार्यालय द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के अनुसार मण्डल में लगभग 1060 बीएलडीसी पंखे प्लेटफॉर्म एवं स्टेशन/सर्विस बिल्डिंग में लगाए गए हैं। ये पंखे कन्वेन्शनल पंखों से कम बिजली खपत करते हैं। इन पंखों के इस्तेमाल से वर्ष में लगभग रुपये 13 लाख की बचत होगी।
नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से 13 स्टेशनों (माथेला, खिरकिया, टिमरनी, बनापुरा, छनेरा, अशोनगर, मुंगावली, शाजापुर, मंडीबामोरा, कंजिया, गुलाबगंज, मंडीदीप एवं गंजबासोदा) में 5 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयत्र लगाया गया है। इनसे लगभग 8380 यूनिट्स प्रति माह बिजली पैदा हो रही है। इस प्रकार इससे लगभग अनुमानित 9 लाख रुपए सालाना की बचत होगी।
इसके अतिरिक्त विंड सोलर हाइब्रिड प्लांट शिवपुरी, पनिहार, भोपाल, पाडरखेड़ा, विदिशा स्टेशन पर लगाए गए हैं, जो कि भोपाल मण्डल का एक और नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया कदम है। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल मण्डल में विभिन्न स्थानों पर कुल 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयत्र पूर्व से ही संचालित है, जिनसे लगभग वर्ष में 13 लाख यूनिट्स का उत्पादन हो रहा है एवं लगभग 44 लाख रुपए सालाना की बचत हो रही है।
मंडल के 12 स्टेशनों (हरदा, नर्मदापुरम, भोपाल, संत हिरदाराम नगर, साँची, विदिशा, गंजबासौदा, बीना, अशोकनगर, गुना, व्यावरा राजगढ़, शिवपुरी) में 30-70 सर्किट ऑटोमेशन का कार्य भी किया गया है, जिससे ट्रेन आने पर ही प्लेटफार्म की लाइट 100 प्रतिशत जलेगी और ट्रेन जाने पर 70 प्रतिशत लाइट स्वतः ही बंद हो जाएगी। इस व्यवस्था में सभी प्लेटफार्म की लाइट्स को होम एवं स्टार्टर सिग्नल से सफलता पूर्वक जोड़ा गया है। इसके अनुसार जब ट्रेन होम पर आएगी और उसे जैसे प्लेटफार्म पर आने के सिग्नल मिलेंगे वैसे ही प्लेटफार्म की 100% लाइट्स जल जाएंगी और जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी रहेगी तब तक सभी लाइट्स जलती रहेंगी और जब गाडी को स्टार्टर सिग्नल मिलेंगे और उसके बाद ट्रेन स्टार्टर सिग्नल से जैसे ही गुजरेगी वैसे ही लाइट्स 70% स्वतः ही बंद हो जाएगी।
माननीय प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रत्येक राज्य में एक शहर को नेट ज़ीरो सौर शहर के रूप में विकसित किया जाना है। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश ने सांची को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। जिसके तहत सांची स्टेशन पर सभी रेल्वे इन्स्टालैशन को सौर ऊर्जा से चलित करने के उद्देश्य से सांची पर 50 किलोवाट का रूफ़टॉप सोलर प्लांट लगाया गया है, जो कि मई 2023 से कार्यरत है। इसमें जो भी बिजली एमपीएसईबी से खरीदी जा रही थी अब वह पूरी ऊर्जा का उत्पादन सौर संयत्र से हो रहा है। अतः यह एक नेट ज़ीरो स्टेशन बन गया है, अर्थात जितनी विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता है, वह बाहर से ना लेकर स्वयं उत्पादन कर रहा है। जिसके अंतर्गत इस प्लांट से लगभग 6000 यूनिट्स प्रति माह बिजली उत्पादन व लगभग रुपये 3.5 लाख प्रति वर्ष की बचत अपेक्षित है। इस प्रकार का प्रयोग राज्य के साथ पश्चिम मध्य रेल में प्रथम है।
इनके अतिरिक्त रेसको मोड पर लगभग 650 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयत्र लगाए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ऊर्जा संरक्षण एवम नवकरणीय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने की दिशा में कार्य करते हुए मण्डल के सभी छोटे स्टेशन पर भी 5 किलोवाट के सोलर प्लांट लगाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही जो स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किए जा रहे हैं, भविष्य में उन स्टेशन पर भी सौर ऊर्जा संयत्र लगाकर ऊर्जा संरक्षण किया जाएगा।