मध्यप्रदेश सरकार का बड़ी घोषणा: जून-दिसंबर में रिटायर कर्मचारियों को मिलेगी वार्षिक वेतनवृद्धि

जून-दिसंबर में रिटायर कर्मचारियों को मिलेगी वार्षिक वेतनवृद्धि
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- 30 जून, 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वालों को लाभ - हाईकोर्ट के आदेश के बाद 48,661 पेंशनरों को लाभ

भोपाल। सातवां वेतनमान प्राप्त कर्मचारी यदि 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें जुलाई और जनवरी में दी जाने वाली वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा। इसके लिए काल्पनिक वेतनवृद्धि दी जाएगी। इस आधार पर उन्हें पेंशन में भी लाभ होगा। पर इसका नकद लाभ एक मई 2023 या उसके बाद से प्रभावशील होगा।

कैबिनेट निर्णय के बाद वित्त विभाग ने सोमवार को सभी विभाग प्रमुख, कमिश्नर और कलेक्टरों को ऐसे सभी कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ देने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार प्रतिवर्ष जुलाई और जनवरी में वार्षिक वेतनवृद्धि देती है लेकिन जून और दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलता था।

कर्मचारियों के हित में निर्णय

30 जून या 31 दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को लाभ

हाई कोर्ट ने विभिन्न प्रकरणों में कर्मचारियों के हित में निर्णय देते हुए वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए पात्र माना। इस आधार पर वित्त विभाग ने 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को जुलाई और जनवरी में दी जाने वाली वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ देना प्रस्तावित किया था, जिसे मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकृति दी गई।

48,661 पेंशनरों को मिलेगा लाभ

इसमें काल्पनिक वेतन की गणना करके लाभ देना तय किया गया। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि काल्पनिक वेतनवृद्धि के आधार पर बढ़ी हुई पेंशन का नकद लाभ एक मई या उसके बाद से प्रभावशील होगा। 30 अप्रैल 2023 की अवधि के पहले के लिए बढ़ी हुई पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस निर्णय का लाभ 48,661 पेंशनरों या परिवार पेंशनरों को होगा। एरियर का भुगतान करने में लगभग 48.51 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।

गेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का लाभ नहीं

पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी का कहना है कि निश्चित तौर पर यह निर्णय अच्छा है पर सुविधा अधूरी दी गई है। इसमें अवकाश नकदीकरण, गेच्युटी सहित अन्य वित्तीय लाभ की गणना को मान्य नहीं किया गया है, जबकि जो कर्मचारी न्यायालय से आदेश जा रहे हैं, उन्हें पूरा लाभ दिया जा रहा है। इस त्रृटिपूर्ण आदेश के विरुद्ध एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।

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