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आरटीआई कार्यकर्ता पर पाक्सो एक्ट का मामला: आरोपी ने बताया साजिश, कहा- एसआईटी से जांच हो…

भोपाल। राजधानी के एक आर.टी.आई कार्यकर्ता एवं व्हिसल-ब्लोअर के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होने की घटना ने नया मोड़ ले लिया है। कार्यकर्ता का कहना है कि यह पूरी साजिश है और उसे झूठा फंसाया जा रहा है। एसआईटी का गठन कर मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
दरअसल रीवा जिले की मऊगंज पुलिस ने 15 वर्षीय एक किशोरी की शिकायत पर सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत मेवाड़ा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। किशोरी के साथ कथित दुष्कर्म की घटना 30 जनवरी को भोपाल में हुई बताई गई है। आरोप है कि भोपाल में पुलिस ने शिकायत नहीं लिखी तो किशोरी ने अपने गृह नगर जाकर शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत का कहना है कि, सभी आरोप षडयंत्र के तहत लगाए जा रहे हैं। ये आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। लड़की को टूल किट की तरह उपयोग किया गया है। इस तरह की साजिश का अंदेशा उनको पहले से ही था।
यह है पूरा मामला
भोपाल में हुई कथित घटना के संबंध में नाबालिग आदिवासी लड़की के पिता का कहना है कि मेरी बेटी बहुत डरी हुई थी। आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है, हम न्याय चाहते हैं। शिकायत पर मऊगंज पुलिस ने भगवानसिंह और एक अन्य पर पास्को एक्ट, एससी-एसटी एक्ट सहित भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
मामला झूठा एवं प्रायोजित- भगवान सिंह
भगवान सिंह राजपूत ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उक्त शिकायत के संदर्भ में, मैं अपने कथन श्यामला हिल्स थाने में दर्ज करवा चुका हूं। घटना जिस दिन की बताई जा रही है उस दिन की मेरी पल पल की गतिविधि का ब्योरा मैंने पुलिस को दिया है।
शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों से मांग है कि एसआईटी का गठन कर इस पूरे षडयंत्र की बारीकी से जांच करवाएं। लड़की और उसके पिता को थाना लाने वाले लोगों के साथ ही इस षडयंत्र में संलिप्त सभी लोगों के मोबाइल लोकेशन/काल डीटेल्स, सीसीटीवी फुटेज आदि निकाल कर देखे जाएं।
उल्लेखनीय है कि भगवानसिंह मेवाड़ ने पिछले दिनों प्रदेश के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार के साथ साथ हाल ही में भोपाल के एक चर्चित उद्योगपति से जुडे उपक्रम गायत्री फूड्स में हुई गड़बड़ी का मामला भी उठाया था।