सत्ता के लालच में कांग्रेस नेता दे रहे स्तरहीन बयान, अब विधायक ने की सीएम पर अभद्र टिप्पणी

सत्ता के लालच में कांग्रेस नेता दे रहे स्तरहीन बयान, अब विधायक ने की सीएम पर अभद्र टिप्पणी
सिवनी विधायक ने कहा मुख्यमंत्री मर्द के बच्चे हो तो कलेक्टर को सस्पेंड करो

भोपाल। मप्र विधानसभा चुनाव में अभी पूरा एक साल बाकी है लेकिन नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। विपक्ष में बैठे कांग्रेस नेता सत्ता में आने की चाह में स्तरहीन बयानबाजी से भी परहेज नहीं कर रहे है। पहले कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया के पीएम को लेकर विवादित बयान के बाद अब सिवनी में कांग्रेस विधायक ने सीएम शिवराज पर अपमानजनक टिप्पणी की है। बरघाट सीट से विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा ने सीएम को लेकर कहा, मर्द के बच्चे हो तो एसपी, कलेक्टर और सीसीएफ को सस्पेंड करो।

दरअसल, कांग्रेस विधायक के क्षेत्र बरघाट में बाघ ने एक ग्रामीण की जान ले ली है। इसके बाद काफी बवाल हुआ है। घटना की जानकारी मिलने पर कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन के धोबी सर्रा सर्किल के गोडेगांव गए थे। यहां उन्होंने बाघ के हमले से जान गंवाने वाले ग्रामीण के परिजनों से मुलाकात की। इसी दौरान अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज को लेकर यह विवादित बयान दिया। विधायक अर्जुन सिंह ने कहा कि ऐसी नौटंकी बंद करें। शिवराज सिंह पूरे जिले में घूम रहे हैं। छोटे-छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी, मैं हाथ जोडक़र कह रहा हूं, अगर आप मर्द के बच्चे हो तो कलेक्टर, एसपी और सीसीएफ को सस्पेंड करो। बोलते हो ना कि मैं किसान की औलाद हूं, ऐसा है तो आज किसान की सुरक्षा कर...।

वन विभाग के अफसरों के लिए भी अपशब्द

उन्होंने कहा कि यह चौथी घटना है, जहां बाघ ने हमारे ग्रामीणों पर हमला किया है। बार-बार फॉरेस्ट वालों को मैं बोल रहा हूं कि फेंसिंग करा दो ताकि वन्यजीव गांव के अंदर ना घुस पाएं परंतु विभाग ध्यान नहीं दे रहा। कांग्रेस विधायक ने कहा कि यहां पर 24 घंटे बिजली चाहिए, दिन और रात में भी बिजली चाहिए। मुझसे जो बन पड़ रहा है, कर रहा हूं, जो जनता कहेगी, मैं उनके साथ हूं। विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा ने वन विभाग के अफसरों के लिए भी अपशब्द भी कहे।

ये है मामला -

बता दें की गोडेगांव में रविवार को बाघ के हमले में एक ग्रामीण चुन्नीलाल की जान ले ली थी। तीन लोगों को घायल कर दिया था। बाघ को पकड़ने के लिए घटनास्थल पर अमला भी पहुंचा था और उसे पकड़ने की तैयारी कर रहा था। इसी बीच बाघ को जंगल के करीब जाता देखकर ग्रामीणों ने अधिकारियों के वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी थी।

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