शिवराज सरकार ने किसानों को उपज का अधिक मूल्य दिलवाने मंडी अधिनियम में किया संसोधन

शिवराज सरकार ने किसानों को उपज का अधिक मूल्य दिलवाने मंडी अधिनियम में किया संसोधन
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भोपाल। प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसलों का अधिक से अधिक मूल्य दिलाने के लिए मंडी अधिनियम में कई संशोधन किए हैं। इस संसोधन के बाद किसान घर बैठे ही अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे, उन्हें फसल बेचने के लिए मंडी जाने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही पहले की तरह किसानों के पास मंडी में जाकर फसल बेचने तथा समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने का विकल्प रहेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने ये बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के किसानों से कही।

सीएम ने बताया की इस संसोधन के बाद अब ब व्यापारी लाइसेंस लेकर किसानों के घर पर जाकर अथवा खेत पर उनकी फसल खरीद सकेंगे। पूरे प्रदेश के लिए एक लाइसेंस रहेगा, व्यापारी कहीं भी फसल खरीद सकेंगे। इसके साथ ही हमने e-trading व्यवस्था भी लागू की है। इसके अंतर्गत पूरे देश की मंडियों के दाम किसानों को उपलब्ध रहेंगे। वे देश की किसी भी मंडी में जहां उनकी फसलों का अधिक दाम मिले, सौदा कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया की हमने प्रदेश में सौदा पत्रक व्यवस्था को लागू किया था। जिसके काफी सकरात्मक परिणाम मिल रहें है। व्यापारी इस योजना के माध्यम से किसानों से उनकी फसल घर से ही खरीद रहे हैं। मंडियों की खरीद की लगभग 80% खरीदी सौदा पत्रों के माध्यम से हुई है तथा किसानों को अच्छा मूल्य भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया की भारत सरकार द्वारा एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइवस्टोक मैनेजमेंट एक्ट 2017 मॉडल मंडी अधिनियम राज्यों को भेजकर उसे अपनाने अथवा प्रचलित अधिनियम में संशोधन का विकल्प दिया गया था। 9 प्रावधानों में से 2 को पहले ही प्रदेश में लागू कर दिया गया था। आज 7 अन्य प्रावधानों को भी लागू कर दिया गया है

ये साथ प्रावधान किये गए संसोधित -

  • निजी क्षेत्रों में मंडियों की स्थापना हेतु प्रावधान किया गया है।
  • गोदामों साइलो कोल्ड स्टोरेज आदि को भी प्राइवेट मंडी घोषित किया जा सकेगा।
  • किसानों से मंडी के बाहर ग्राम स्तर से फूड प्रोसेसर, निर्यातकों, होलसेल विक्रेता व अंतिम उपयोगकर्ताओं को सीधे खरीदने का प्रावधान किया गया है।
  • मंडी समितियों का निजी मंडियों के कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
  • प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड से रेगुलेटरी शक्तियों को पृथक कर संचालक विपणन को दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
  • पूरे प्रदेश में एक ही लाइसेंस से व्यापारियों को व्यापार करने का प्रावधान किया गया है।
  • ट्रेनिंग के लिए प्रावधान किया गया है।



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