वल्ल्भ भवन दलाली का अड्डा बन गया था- सीएम शिवराज सिंह

वल्ल्भ भवन दलाली का अड्डा बन गया था- सीएम शिवराज सिंह
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भोपाल। प्रदेश में भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के माध्यम से 100 दिनों की उपलब्धियां जनता को बताई गई। रैली में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को श्रेय देते हुए कहा ये सौ दिन प्रधानमंत्री का आशीर्वाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री के सानिध्य और भाजपा के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सहयोग का परिणाम है।

कमलनाथ सरकार 4D सरकार थी -

सीएम चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के घर तोड़े, उन्हें बिना वजह जेल भेजा।उनके खिलाफ़ झूठे मामले तक दर्ज कराये। कमलनाथ सरकार दलाल, दंभ, दुर्भावना और दिग्विजय यानि 4D सरकार थी। कमलनाथ सरकार के समय वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया गया था। उन्होंने जनता से झूठे वादे किये। जब भी कोई व्यक्ति कमलनाथ के पास जनता की समस्या लेकर जाता था तो उसे भगा देते थे। यदि कोई नॉट लेकर पहुंच जाता तो उसका स्वागत किया जाता था। उन्होंने आगे कहा की कांग्रेसी नेता सिर्फ अपनी जेबें भरना जानते हैं, जनता का खून चूसना जानते हैं। उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं है।

किसानों से झूठ बोला -

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ जी ने किसानों से झूठा वादा किया था। उन्होंने बीमा का प्रीमियम ही नहीं भरा। मैंने आते ही साथ प्रीमियम भरा जिससे किसानों के खातों में बीमा के 2,990 करोड़ रुपये आये।आज किसानों की मेहनत से देखों गेहूं का प्रदेश में बंपर उत्पादन हुआ है। हमने 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद कर पंजाब को पीछे छोड़ दिया।मंडी कानून हमने बदल दिया। कृषि मंडिया रहेंगी, लेकिन किसान और व्यापारी में सहमति बने तो वह अनाज घर से ही बेच सकेंगे। किसान को प्रतिस्पर्धी कीमत मिलेगी, किसान को अधिक लाभ मिलेगा।

जनकल्याणकारी योजना बंद की -

मुख़्यमंत्री ने आगे कहा की कमलनाथ जी ने जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया था।उन्होंने संबल योजना को भी बंद कर दिया था जिसे हमने पुनर्जीवित किया। मैं गरीबों को बताना चाहता हूँ कि संबल योजना को अब पुनर्जीवित कर दिया गया है। किसी भी गरीब बंधु को चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है।

कोरोना से बड़े संकट कमलनाथ

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि में कोरोना से बड़ा संकट कमलनाथ थे।प्रदेश में पहले जहाँ इस संकट के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। हमारी सरकार ने इस पर नियंत्रण पा लिया है। स्वसहायता समूह की बहनों को सशक्त बनाने का हमने संकल्प लिया है। 700 करोड़ रुपये के पोषण आहार का काम ठेकेदार नहीं, बल्कि बहनें करेंगी।


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