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सर्व स्पर्शी और सर्वव्यापी है भारतीय जनता पार्टी: वीडी शर्मा
छतरपुर। भाजपा द्वारा शुरु की गई 10 दिवसीय बूथ विस्तारक योजना का राजनगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उदयपुरा में आयोजित कार्यक्रम में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि योजना के तहत आगामी 30 जनवरी तक प्रतिदिन कार्यकर्ताओं को 10 घंटे का समय पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए देना होगा।
उदयपुरा के बूथ क्रमांक 171 और 172 की बूथ समितियों की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। भाजपा सर्व स्पर्शी और सर्व व्यापी संगठन है, सबका साथ-सबका विकास हमारा मूलमंत्र है। उन्होंने बताया कि बूथ समितियों में 21 लोग शामिल होंगे, जिसमें सभी समाजों के लोगों को स्थान दिया जाएगा। समिति में महिलाओं और नौजवानों को प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा।
राजनगर क्षेत्र के सरपंच संघ ने पुन: प्रभार मिलने पर शर्मा को स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, पूर्व मंत्री ललिता यादव, जिला महामंत्री अरविन्द पटैरिया, दिलीप अहिरवार, जिला मीडिया प्रभारी अरविन्द बुन्देला, राजीव शुक्ला, मंडल अध्यक्ष महेंद्र सिंह परिहार, कमलेश पटेल, पुष्पेंद्र अवस्थी, खलक सिंह राजपूत सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मतंगेश्वर महादेव से मांगी क्षेत्र की सुख-समृद्धि -
गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र खजुराहो के प्रवास पर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने सबसे पहले भगवान मतंगेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर क्षेत्र तथा प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा-अर्चना की। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, जिला महामंत्री अरविंद पटैरिया, मंडल अध्यक्ष महेंद्र सिंह परिहार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश गौतम, पं. सुधीर शर्मा आदि उपस्थित रहे।
ओबीसी महासभा ने की नारेबाजी, जताया विरोध -
ओबीसी महासभा के दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ओबीसी वर्ग विरोधी बताया और नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। ओबीसी महासभा का विरोध देखकर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाना शुरु कर दिया जिससे स्थिति तनावपूर्ण होने लगी। मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेडऩा शुरू किया और अन्य थानों से पुलिस बल बुलाकर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। बाद में कृष्णकांत पटेल और नरेन्द्र पटेल सहित सिर्फ तीन पदाधिकारियों को वापिस बुलाकर ज्ञापन लिया गया गया।