मप्र में ‘जल, जंगल, जमीन’ को मुद्दा बनाने की तैयारी में कांग्रेस: मोहनपुरा में होने जा रहे 7 दिवसीय शिविर में होगा मंथन, जनजाति वर्ग के युवा नेताओं की होगी खोज

मोहनपुरा में होने जा रहे 7 दिवसीय शिविर में होगा मंथन, जनजाति वर्ग के युवा नेताओं की होगी खोज
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रामेश्वर धाकड़। भोपाल। मप्र में अगले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी सेे मुद्दे तलाशना शुरू कर दिये हैं। इसकी शुरुआत जनजाति वर्ग से की जा रही है। कांग्रेस 19 फरवरी से धार जिले के मोहनपुरा में जनजाति वर्ग के लिए सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने जा रही है।

इस शिविर में देश के जनजाति वर्ग की समस्याओं पर चर्चा होगी, साथ ही 'जल,जंगल और जमीन को राजनीतिक मुद्दा बनाने पर मंथन होगा। खास बात यह है कि शिविर के जरिए कांगेस जनजाति वर्ग से नए नेतृत्व की तलाश भी करेगी।

मप्र अजजा कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम ने बताया कि शिविर का आयोजन 19 से 25 फरवरी तक किया जाएगा। जिसमें प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र भंवर सिंह समेत अखिल भारतीय कांगे्रस के अजजा, अजा, ओबीसी के पदाधिकारी, प्रशिक्षण प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस के नेता शामिल होंगे।

शिविर में जनजाति वर्ग के जल-जंगल-जमीन पर अधिकार समेत संवैधानिक हितों और उनके शोषण के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार होगी। खास बात यह है कि शिविर में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के सिर्फ जनजाति वर्ग के लोग ही शामिल होंगे।

इसमें बताया जाएगा कि प्रदेश में पांचवी अनुसूची का पालन नहीं हो रहा है। पेसा एक्ट के नाम पर गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। शिविर में भाग लेने वालों को यह समझाया जाएगा कि विकास परियोजनाओं के नाम पर जनजाति वर्ग को जल, जंगल और जमीन से बेदखल किया जा रहा है।

साथ ही मप्र समेत देश के दूसरे राज्यों में जनजाति वर्ग पर हो रहे अत्याचार पर भी चर्चा होगी। जिसमें मणिपुर का मुद्दा भी शामिल रहेगा। शिविर में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति भी तैयार होगी।

89 विकासखंडों से आएंगे जनजाति वर्ग के लोग

मोहनपुरा में होने वाले प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों एवं जनजाति बहुल विधानसभा क्षेत्रों से जनजाति वर्ग के जनप्रतिनिधि, महिलाएं और युवा आएंगे। अन्य राज्यों से भी जनजाति वर्ग के लोग आएंगे। उल्लेखनीय है कि इस शिविर के संबंध में पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेेस कार्यालय में एक बैठक हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से कांग्रेस के जनजाति वर्ग के पदाधिकारी पहुंचे थे।

जनजाति वर्ग को साधने में जुटी कांग्रेस

कांगे्रस के इस शिविर को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि मप्र में कांग्रेस जनजाति वर्ग को अपना समर्थक मानती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कड़ी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस को अपेक्षाकृत बड़ी हार नहीं मिली।

प्रदेश में जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से भाजपा को 24 और कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली। जबकि एक सीट अन्य के खाते में गई। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जनजाति वर्ग के लिए आरिक्षत 6 सीटों में से एक भी नहीं जीत पाई थी।

इनका कहना है

7 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सिर्फ जनजाति वर्ग के लोग आएंगे। जनजाति वर्ग की समस्याएं, जल,जंगल और जमीन पर चर्चा होगी। साथ ही प्रदेश के बाहर की मणिपुर एवं अन्य समस्याओं पर चर्चा होगी। नेतृत्व विकास पर भी बात होगी।

- रामू टेकाम प्रदेशाध्यक्ष, मप्र अजजा कांग्रेस

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