विधानसभा में उठेगा अलग विंध्य प्रदेश बनाने का मुद्दा

विधानसभा में उठेगा अलग विंध्य प्रदेश बनाने का मुद्दा
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अलग राज्य के पक्ष में कांग्रेस ने दिया समर्थन

भोपाल /वेब डेस्क। विंध्य को अलग प्रदेश बनाने की मांग अब विधानसभा में उठाने की तैयारी हैं। विधायक नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस का साथ भी मिल गया है। त्रिपाठी इस पर आंदोलन खड़ा करने वाले हैं जो पहले भोपाल और फिर दिल्ली तक जाएगा। मप्र विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू होने वाला है। सत्र के दौरान अलग विंध्य प्रदेश बनाए जाने का मुद्दा सुनाई देगा। विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य में आंदोलन की शुरुआत करने के बाद अब विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी की है। त्रिपाठी का कहना है विंध्य को पृथक राज्य बनाने के मामले में विधानसभा में अब तक हुई बहस और उनके निष्कर्षों का वह अध्ययन कर रहे हैं। उसके बाद विधानसभा में इसे उठाया जाएगा।

विधायकों का समर्थन जुटाने की कोशिश

पहले समाजवादी पार्टी उसके बाद कांग्रेस और फिर भाजपा में शामिल हुए त्रिपाठी अब विंध्य प्रदेश के गठन की अगुवाई करते हुए नजर आ रहे हैं। हाल ही में त्रिपाठी ने चुरहट में एक बड़ा कार्यक्रम कर पृथक राज्य बनाए जाने की मांग उठाई और अब वह प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वाले छोटेछोटे राजनीतिक दलों के विधायकों का समर्थन जुटाने की कोशिश में लगे हैं। जिसमें सपाबसपा के अलावा अन्य दल शामिल हें। इसमें वो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों का समर्थन मांग रहे हैं। त्रिपाठी इन दिनों बुंदेलखंड के विधायकों से भी गुपचुप तरीके से मुलाकात कर समर्थन जुटा रहे हैं। वह इस मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और उसके बाद आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। त्रिपाठी ने कहा विंध्य में आंदोलन की शुरुआत करने के बाद अब वह जल्दी भोपाल और उसके बाद दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन करेंगे और विंध्य को पृथक राज्य बनाए जाने की मांग करेंगे।

अभी नहीं तो आगे सभी का साथ मिलेगा

विधानसभा में इससे पहले तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी, विधायक सुंदरलाल तिवारी सहित कई विधायक विंध्य प्रदेश बनाने का मुद्दा उठा चुके हैं। अब उनका तकनीकी अध्ययन करने के बाद नये सिरे से मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाएगा। हालांकि विधायक नारायण त्रिपाठी इस बात को लेकर निराश हैं कि इस मुद्दे पर विंध्य के जनप्रतिनिधियो का सहयोग नहीं मिल रहा है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि पृथक राज्य बनाने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों का समर्थन अवश्य मिलेगा और आने वाले दिनों में सभी एक साथ खड़े नजर आएंगे।


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