- Home
- /
- देश
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भोपाल
विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू, श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुआ, लेकिन दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्रवाई मंगलवार, 21 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, ग्रुप कैप्टन वरुण कुमार समेत उनके साथ शहीद हुए सेना के जवानों व अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई।
मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 24 दिसम्बर तक चलेगा। पहले दिन सोमवार को सदन की कार्रवाई के शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने नवनिर्वाचित तीन विधायकों शिशुपाल यादव पृथ्वीपुर, सुलोचना रावत जोबट और रेगांव से विधायक कल्पना वर्मा को विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाईl सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर के बाद तीनों ने सदन में अपना स्थान ग्रहण किया।
इसके बाद सदन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भूतपूर्व विधानसभा सदस्य नानालाल पाटीदार, मूलचंद खंडेलवाल, गोदिल प्रसाद अनुरागी, शिव चरण पाठक, चंद्रदर्शन गौड़, डा.रानी दुबे, आस्कर फर्नाडिस, डा.एसएन सुब्बाराव, डा.एनपी मिश्रा, भारत के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित हेलिकाप्टर दुर्घटना में शहीद अन्य सैन्य अधिकारी और कश्मीर के सोपिया में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद जवान के निधन का उल्लेख किया।
सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सेना के शौर्य का प्रतीक थे। भारतीय सेना को हर चुनौती से निपटने के लिए सक्षम बनाने का उन्होंने काम किया। उनका साफ मत था कि हम किसी को छेड़ेंगे पर कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं। उनके हेलिकाप्टर हादसे में निधन से देश की अपूरणीय क्षति हुई है। जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जितेंद्र वर्मा सहित अन्य का निधन हुआ। सेना के साथ-साथ देश की बड़ी क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि डा.सुब्बाराव महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे। जौरा में गांधी सेवा आश्रम की स्थापना की। दस्युओं का आत्मसमर्पण कराने में उनका बड़ा योगदान था। डा.एनपी मिश्रा भरोसे का दूसरा नाम थे। जब कोई उन्हें दिखा लेता था तो निश्चिंत हो जाता था। गांधी मेडिकल कालेज उनके बिना अधूरा है। चिकित्सा जगत में वे ऐसा नाम थे, जिनको कोई भुला नहीं सकता है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दो-तीन बार जनरल रावत से मिलने का मौका मिला। वे बेहद सरल और साफ बात करने वाले व्यक्ति थे। वे मध्य प्रदेश के दामाद थे। रक्षा मंत्रालय में सब उनका सम्मान करते थे। निधन उल्लेख के बाद सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगतों को श्रद्धांजिल दी और फिर कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।