कॉलोनी अवैध घोषित फिर भी बेच रहे भूखंड

कॉलोनी अवैध घोषित फिर भी बेच रहे भूखंड
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दो इंजीनियरों को नोटिस पर कार्रवाई नहीं

ग्वालियर विशेष प्रतिनिधि। चिरवाई क्षेत्र में 12 हेक्टेयर भूमि पर गलत ढंग से कॉलोनी की अनुज्ञा लेने के बाद इसका अनुमति निरस्त होने के बावजूद कॉलोनाइजर द्वारा औने पौने दामों में भूखंडों का लगातार विक्रय किया जा रहा है। इस मामले में निगम आयुक्त द्वारा दो इंजीनियरों को नोटिस भी दिए गए थेए इसके बावजूद कॉलोनाइजर और यंत्रियों पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं होना कई तरह की शंकाओं को जन्म दे रहा है।

जानकारी के मुताबिक ग्राम चिरवाई में नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा 19 मई 2013 को धनराज जेठवानी को 124673 वर्ग मीटर भूमि पर कॉलोनी अभिन्यास के लिए तीन वर्ष के लिए अनुज्ञा दी गई थी। इसकी समयावधि 19 मई 2016 तय थी। नगर निगम द्वारा 24 नवंबर 2015 को कॉलोनाइजर का लाइसेंस जारी किया गया था। किंतु इन सब नियम कायदों को तोड़कर कॉलोनाइजर द्वारा वन एवं विद्युत विभाग से समय सीमा गुजरने के बाद अनापत्ति ली गई। इतना ही नहीं इन सारे तथ्यों को नजरअंदाज कर कॉलोनाइजर को लाभ देने हेतु तत्कालीन भवन अधिकारी एवं भवन निरीक्षक क्षेत्र क्रमांक 13 द्वारा 24 मई 2018 को कॉलोनी विकास की अनुज्ञा भी जारी कर दी गई।

कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने कराया आश्रय शुल्क जमा

कॉलोनाइजर नियमों में संशोधन के तहत 19 मई 2017 को दो हेक्टेयर से अधिक की कॉलोनी में आश्रय शुल्क जमा करने का प्रावधान समाप्त किया जा चुका था। इसके बावजूद इंजीनियरों ने 23 मई 2018 को अवैधानिक रूप से कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से आश्रय शुल्क जमा करा लिया। जिससे 15 फीसदी भूखंड निम्न एवं मध्य आय वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हो सके।

दो यंत्रियों को नोटिस

इस सिलसिले में 23 मई 2020 को निगम आयुक्त संदीप माकिन ने तत्कालीन भवन अधिकारी महेंद्र अग्रवाल एवं तत्कालीन भवन निरीक्षक क्षेत्र क्रमांक 13 वीरेंद्र शाक्य को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर जवाब तलब किया। किंतु इनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से कॉलोनाइजर द्वारा मनमाने दामों पर भूखंड विक्रय किए जा रहे हैं। इस मामले में जब निगमायुक्त संदीप मौके से चर्चा करना चाही तो उनका मोबाइल नहीं उठा।

इनका कहना

चिरवाई के कॉलोनाइजर लाइसेंस निरस्त करने के बारे में आपने जानकारी दी है। यह कार्रवाई नगर स्तर पर की गई होगी। संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एमबी ओझा

प्रशासक एवं संभागीय आयुक्त

निगम द्वारा कॉलोनाइजर का लाइसेंस निरस्त किए जाने के नोटिस का जवाब हमने दे दिया है।

मनोज जेठवानी कॉलोनाइजर धनराज जेठवानी का पुत्र

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