जब पढ़ाई नहीं तो कैसी शुल्क, पांच माह से बंद हैं विद्यालय

जब पढ़ाई नहीं तो कैसी शुल्क, पांच माह से बंद हैं विद्यालय
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कोई ट्यूशन शुल्क तो कोई मांग रहा है पूरी राशि

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण फैलने के कारण शहर के सभी विद्यालय मार्च माह से बंद हैं और बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे हैं। इनको बंद हुए आज पांच माह हो गए हैं। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। इस बीच स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के अभिभावकों से मोबाइल पर मैसेज करके ट्यूशन या पूरी शुल्क मांग रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों का कहना है जब बच्चे स्कूल ही नहीं जा रहे हैं तो हम किस बात की शुल्क दें। सबसे अधिक परेशानी सीबीएसई बोर्ड के कक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चों के अभिभावकों को उठानी पड़ रही है। बोर्ड की परीक्षा होने के कारण मजबूरी मेें इन्हें स्कूल की पूरी फीस भरनी पड़ रही है।

विद्यालयों में बच्चों की शुल्क नहीं पहुँचने के कारण निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को अलग-अलग प्रकार की धमकी दे रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा तो कुछ कह रहे हैं कि हम बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर देेंगे। विद्यालयों की प्रताडऩा के कारण अभिभावक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। अभिभावक इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँचकर शिकायत कर रहे हैं।

मार्च माह से नहीं मिला शिक्षकों को वेतन

निजी विद्यालय संचालकों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। विद्यालय बंद होने के कारण बिजली का बिल सहित कई खर्चे खत्म हो गए हैं। विद्यालय संचालकों द्वारा अपने ऐशो-आराम पर खूब पैसा खर्च किया जा रहा है लेकिन बेचारे गरीब शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को मार्च माह से आज तक का वेतन नहीं दिया है। वेतन मांगने पर कहा यह जा रहा है कि हमारे पास पेसा नहीं है, हम कहां से दे। पांच माह से वेतन नहीं मिलने के कारण इन शिक्षकों की हालत दयनीय हो गई है।

सरकार ने न्यायालय में प्रस्तुत किया जवाब

राज्य सरकार ने न्यायालय में जवाब प्रस्तुत कर स्पष्ट किया है कि कोरोना काल में निजी विद्यालयों को सिर्फ ट्यूशन शुल्क वसूलने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं पर ऑनलाइन प्रतिबंध लगाया गया है।

इनका कहना है:-

'राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि विद्यालय संचालक केवल ट्यूशन शुल्क ले सकते हैं। इसके अलावा कोई भी शुल्क लेना निर्देशों के विरूद्ध है। हमारे पास अतिरिक्त शुल्क वसूलने की शिकायत आ रही हैं, इसके लिए हमने एक सेल बना दी है जहां शिकायतें दर्ज की जाएगी और उनका निवारण किया जाएगा। इस संबंध में कॉल सेंटर प्रभारी एडीपीसी अशोक दीक्षित को बनाया है। श्री दीक्षित से 9425715857 पर संपर्क कर सकते हैं।

विकास जोशी,जिला शिक्षा अधिकारी

'कोरोना काल के कारण शुल्क के संबंध में परेशानी तो आ रही हैं। हम अभिभावकों से कह रहे हैं कि वह ट्यूशन शुल्क तो जमा करें, लेकिन अभिभावक जमा नहीं कर रहे हैं। हम किसी शिक्षक को नहीं निकाल रहे हैं केवल शिक्षकों से सहयोग की अपील कर रहे हैं।

स्वामी सुप्रदीप्तानंद महाराज, प्राचार्य, आरकेव्हीएम स्कूल

'शुल्क तो मांगनी पड़ेगी क्योंकि स्कूल के भी कई खर्चें हैं। शिक्षकों को भी वेतन देना है। कहने पर भी अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं। Ó

एस.पी. सिंह, प्राचार्य, मिसहिल स्कूल

'मेरे दो-दो बच्चे सीबीएसई स्कूल में पढ़ रहे हैं। प्रतिदिन पूरी फीस जमा करने का हम पर दबाव बनाया जा रहा है। जब पढ़ाई नहीं हो रही तो किस बात की फीस। फीस की वजह से हम मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं।

राजीव गोस्वामी, अभिभावक, जीवाजीगंज

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