सिंधिया की घेराबंदी का जवाब विकास से, ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा-कांग्रेस में ठनी
ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरे पांच महीने बीतने के बाद अब कभी भी 27 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दल-बल के साथ ग्वालियर-चंबल अंचल में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और नीचा दिखाने में लगे हुए हैं। भाजपा ने जहां तीन दिवसीय महासदस्यता अभियान चलाकर 76 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तोड़कर अपने पाले में लाने का दावा किया है। वहीं कांग्रेस ने भी एक दिवसीय सदस्यता अभिया चलाने की कोशिश की, जो फ्लॉप साबित हुआ। भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस के पास सिर्फ एक ही अस्त्र है जो सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि कांग्रेस विकास की बात न करते हुए सिर्फ सिंधिया को व्यक्तिगत मुद्दों और 22 विधायकों को बिकाऊ बताने का आरोप लगा रही है। जबकि भाजपा ने इसका जवाब विकास के जरिए देने की ठानी है। इसमें तीन दिवसीय सदस्यता मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और पैसों की कोई कमी नहीं आने के अलावा चंबल से पानी लाने की बात कही है। वहीं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा मुरैना क्षेत्र में दूसरे सैनिक स्कूल की घोषणा के साथ ग्वालियर की अति महत्वपूर्ण डीआरडीई के लिए 140 एकड़ जमीन महाराजपुरा डांग में आवंटित कराकर विकास की राह में एक साथ दो सौगातें दी हैं। इसके अलावा अनेक विकास योजनाएं प्रगति पर हैं।
76 हजार सदस्यता के दावे से कांग्रेस में हलचल
भाजपा द्वारा 22 से 24 अगस्त तक 16 अलग-अलग स्थानों पर 27 विधानसभा क्षेत्रों के नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे हुए 76 हजार नए सदस्य बनाने का दावा किया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सहित संगठन के कई नेता एवं मंत्री, विधायक आदि मौजूद रहे। यह आयोजन एक तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर-चंबल में दबदबा दिखाने का था, जिसमें उनसे जुड़े कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता लेकर उसे मजबूत किया। अब आने वाले दिनों में श्री सिंधिया की अगुवाई में ही इस क्षेत्र में और भी शक्ति-प्रदर्शन किए जाएंगे। इससे कांग्रेस के पेट में मरोड़ है।
कांग्रेस का फ्लॉप शो
भाजपा के सदस्यता अभियान का पहले तो कांग्रेस ने जमकर विरोध किया। यहां तक कि गिरफ्तारी भी दी। लेकिन दो दिन बाद ही कांग्रेस के एक नेता ने मेला के कन्वेंशन हॉल में सदस्यता अभियान का आयोजन कर डाला। इसमें लगभग आधा दर्जन पूर्व मंत्री शामिल हुए। लेकिन घंटों देरी से हुए कार्यक्रम के कारण मात्र 10 मिनट के भीतर सबकुछ सिमट गया। इसके पहले पत्रकारवार्ता में जरूर उक्त नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दल बदलने और जमीन खुर्द-बुर्द करने को लेकर आरोप लगाए। जिससे लगता है कि भविष्य में भी विकास की कोई बात न करते हुए इसी तरह के आरोपों के जरिए सिंधिया को घेरने की कोशिश करेंगे।
अब कमलनाथ की बारी
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ यदा-कदा ग्वालियर तो आए लेकिन उन्होंने किसी भी सार्वजनिक समारोह में हिस्सा नहीं लिया और न ही कोई विकास की सौगात दी। इसे लेकर राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनके ऊपर तंज कसा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के लोग उनकी शक्ल देखने को तरस गए। भाजपा के आयोजन की एक-एक जानकारी लेने के बाद कमलनाथ ने अपने आधा दर्जन मंत्रियों को ग्वालियर-चंबल संभाग में रहकर सिंधिया को घेरने की हिदायत दी है। इसके बाद कमलनाथ भी अपनी ताकत झोंकने इस क्षेत्र में आएंगे। इसके लिए अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।