नेपानगर से तय होता है मप्र में किसकी सरकार बनेगी

नेपानगर से तय होता है मप्र में किसकी सरकार बनेगी
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नेपानगर। मप्र में नेपानगर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होने वाला है। नेपानगर सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है। लेकिन कांग्रेस भी समय-समय पर अपनी ताकत दिखाती रहती है। भाजपा की ओर से सुमित्रा देवी कासडेकर का चुनाव लडऩा तय माना जा रहा है, वहीं कांग्रेस ने रामसिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। बुरहानपुर जिले के नेपानगर विधानसभा क्षेत्र का विधानसभा चुनाव में इतिहास रहा है कि यहां से जीतने वाले प्रत्याशी के दल ही सरकार मध्यप्रदेश में बनी है। नेपागनर में विधानसभा के नौ आम चुनाव और एक उपचुनाव हुए है। इनमें छह विधायक चुने गए उनमें से तीन विधायक एक से अधिक बार जीते और तीन विधायकों को मंत्री बनने को अवसर मिला है। नेपानगर से कांग्रेस के तनवंतसिंह कीर तीन बार और भाजपा के बृजमोहन मिश्र तथा राजेंद्र दादू दो-दो बार विधायक चुने हैं। कांग्रेस के रघुनाथ तथा भाजपा की अर्चना चिटनीस एवं मंजू दादू एक-एक बार विधायक रहे है। वर्ष 1977 में पहली बार हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट के पर बृजमोहन मिश्र चुनाव जीते और सरकार भी जनता पार्टी की बनी। उसमें मिश्र को वन मंत्री बनाया गया।

वर्ष 1980 के चुनाव के कांग्रेस के तनवंतसिंह कीर जीते सरकार कांग्रेस की आई और कीर स्वास्थ्य मंत्री बने। वर्ष 1985 में कांग्रेस से तनवंतसिंह कीर फिर जीते सरकार भी कांग्रेस की रही और कीर नगरीय प्रशासन मंत्री बने। वर्ष 1990 मे भाजपा से बृजमोहन मिश्र विधायक बने। इस बार सरकार भाजपा की आई और मिश्र विधानसभा अध्यक्ष बने। वर्ष 1993 के चुनाव में कांग्रेस से तनवंतसिंह कीर जीते सरकार कांग्रेस की आई और कीर फिर नगरीय प्रशासन मंत्री बने। वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रघुनाथ चौधरी जीते सरकार कांगेस की रही। वर्ष 2003 में भाजपा से अर्चना चिटनीस जीती सरकार भाजपा की बनी और उसमें चिटनीस को पशुपालन मंत्री की जिम्मेदारी मिली। वर्ष 2008 में भाजपा से राजेंद्र दादू जीते और सरकार भाजपा की रही। वर्ष 2013 में भी भाजपा के राजेंद्र दादू के हाथों बाजी रही और सरकार भाजपा की कायम रही। दादू की सडक दुर्घटना में मौत पर वर्ष 2016 में हुए उपचुनाव में उनकी पुत्री मंजू दादू भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गयी। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की मंजू राजेंद्र दादू और कांग्रेस की सुमित्रा देवी के बीच मुकाबला था। इसमें कांग्रेस उम्मीदवार को 85320 मत पाकर जीत हासिल हुई। भाजपा उम्मीदवार को 84056 वोट मिले थे।

राठिया और कोरकू समाज उतरा विरोध में

नेपानगर उपचुनाव में कांग्रेस की परेशानियां बढ़ती जा रही है। रामकिशन पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में राठिया और कोरकू समाज के बड़े नेता खड़े हो गए हैं। अब दोनों ही समाज अपने-अपने निर्दलीय प्रत्याशी खड़े करने की तैयारी में है। राठिया समाज ने पहले ही इसकी घोषणा कर दी है। अब कोरकू समाज ने बैठक लेकर निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा की है। दोनों समाज में विरोध करने वाले कांग्रेस के बड़े नेता और टिकट के दावेदार भी हैं। दोनों समाजों से निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा होता है तो इसका नुकसान कांग्रेस और भाजपा दोनों को होगा। क्योंकि नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत मतदाता इन दोनों समाज के ही हैं। उपचुनाव को लेकर खकनार के दुर्गा देवी मंदिर परिसर में कोरकू समाज की बैठक हुई। यहां वर्तमान स्थिति को देखते हुए समाज की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करने का फैसला लिया गया। प्रत्याशी के रूप में नंदकिशोर धांडे के नाम पर सभी ने सहमति जताई।

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