ग्वालियर में 132 मैरिज गार्डन अवैध, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक साल पहले जारी कर चुुका नोटिस
ग्वलियर। शहर में संचालित मैरिज गार्डनों के खिलाफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने शहर में संचालित 132 मैरिज गार्डनों को एक वर्ष पहले ही अवैध घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं इन सभी गार्डनों को नोटिस भी जारी किए गए। यह सभी वह मैरिज गार्डन थे जिनका न तो डायवर्सन था न ही मंजूरी थी, यह सभी शॉप एक्ट पर संचालित हो रहे थे। टी एंड सीपी ने पाया था कि यह सभी अवैध रूप से चल रहे थे। नोटिस के जरिए सभी मैरिज गार्डन संचालकों को 15 से 30 दिन का समय दिया गया था, लेकिन न तो किसी ने जवाब दिया और न ही इन गार्डनों पर कोई कार्रवाई की गई।
गौरतलब है कि शहर में संचालित मैरिज गार्डनों पर प्रशासन की सख्ती दो साल पहले देखने को मिली थी उस दौरान गार्डन संचालकों ने निगम को ही गुमराह करते हुए शॉप एक्ट का रजिस्ट्रेशन करा लिया, जिस पर गार्डन नहीं चलाया जा सकता। इसके साथ ही मैरिज गार्डन के लिए संबंधित जमीन का उपयोग कृषि या आवासीय नहीं होना चाहिए, उसका डायवर्सन जरूर होता है लेकिन शहर में संचालित अधिकांश मैरिज गार्डन बिना डायवर्सन के ही चल रहे हैं इससे शासन को राजस्व की क्षति हो रही है।
इनका कहना है
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित करीब 132 मैरिज गार्डनों को एक वर्ष पहले नोटिस दिए गए थे। साथ ही कार्रवाई के लिए नगर निगम को पत्र भी लिखा था। लेेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
केके कुशवाह
टीएंडसीपी
संचालक
250 संस्थानों को सिर्फ दिखावे के नोटिस, कानूनी कार्रवाई किसी पर नहीं
नगर निगम के दमकल विभाग ने अग्निशमन व्यवस्थाएं न करने पर दिखावे के लिए अभी तक सिर्फ 250 संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं, लेेकिन इनमें से किसी भी संंस्थान पर आज तक कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं गई। यह संंस्थान आज भी बिना अग्निशमन व्यवस्थाओं के धड़ल्ले से चल रहे हैं। निगम ने जिन 250 संस्थानों को नोटिस जारी किए थे उसमें सिर्फ 12 ने ही आवेदन किए। साथ ही 20 ने ही नोटिस का जवाब दिया। जबकि निगम ने इन संस्थानों को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वे सात दिन के अंदर अपने संस्थान में अग्निशमन व्यवस्थाएं पूर्ण कर फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए तत्काल आडिट कराएं। ऐसा न करने पर भविष्य में यदि कोई घटना घटित होती है, तो संस्थान को सील कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कोई भी कानूनी कार्रवाई नही की।
इन संस्थानों को जारी किए नोटिस
-बैस गार्डन रमटापुरा तानसेन नगर के पास
-शहनाई वाटिका टोपेवाला मोहल्ला
-देवगिरि गार्डन पुरानी छावनी एबी रोड
-जीडी पैलेस शब्द प्रताप आश्रम
-श्याम वाटिका एवं वृंदावन गार्डन बिरलानगर पुल के पास
-वैष्णोधाम गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-आद्या गेस्ट हाउस गांधी नगर
-बालाजी गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-परमार गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-सिद्धी विनायक गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-सांई नाथ गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-एमएल गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-रघुनाथ गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-आशीर्वाद गेस्ट हाउस लक्ष्मणपुरा
-गिर्राज गेस्ट हाउस गांधी नगर
-बजरंग गेस्ट हाउस गांधी नगर
-गिरनार गैस्ट हाउस गांधी नगर
-कुशवाह बारात घर गार्डन इंटक मैदान के सामने हजीरा
-मंगलम गेस्ट हाउस इंटक मैदान के सामने हजीरा
-सांई बरात घर रानीपुरा चार शहर का नाका रोड
-गणेश गार्डन बारातघर लधेड़ी
-पटेल बारातघर लधेड़ी
-भगतजी गार्डन रमटापुरा
-कृष्णा गेस्ट हाउस पड़ाव थाने के सामने
-गैलेक्सी गार्डन विवेकानंद चौराहा थाटीपुर
-राजबाग गार्डन मेला ग्राउंड रोड
-बालाजी गार्डन गांधी रोड
-भगत सिंह गार्डन मेला ग्राउंड रोड
-यशोदा वाटिका भिंड रोड
-अभिनंदन वाटिका भिंड रोड
-द्वारिका गार्डन पिंटो पार्क
-पटेल गार्डन पिंटो पार्क
-खुशहाल वाटिका पिंटो पार्क
-इंद्रप्रस्थ गार्डन गोला का मंदिर
-ग्रांड पैलेस मेला रोड गोला का मंदिर
-आरआर गार्डन जड़ेरुआ बांध
-राज राजेश्वरी गार्डन आदित्यपुरम
-आराध्या गार्डन जड़ेरुआ बांध
-बंसल हास्पिटल शब्द प्रताप आश्रम
-मयूर नर्सिंग होम सिंहपुर रोड मुरार
-संकल्प हास्पिटल राम नगर चौराहा मुरार
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वर्ष 2009 में उच्च न्यायालय ने बनाई थी गाइड लाइन
सवाल यह भी है कि मैरिज गार्डनों के लिए नियम पिछले कई सालों से बने हुए हैं और वर्ष 2009-10 में उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक जनहित याचिका पर आदेश देते हुए गाइड लाइन बनाई थी। लेकिन अभी तक इनका पालन नहीं हुआ,?
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4 विभाग फिर भी नियम विरुद्ध चल रहे गार्डन
नगर निगम-गार्डन का पंजीयन होना चाहिए। इसमें हर निर्माण की अनुमति निगम से ली जाना जरूरी है। निगरानी के लिए निगम के अमले की जिम्मेदारी भी तय है। लेकिन हर नियम को गार्डन संचालक ताक पर रखे हुए हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन जिलाधीश राहुल जैन ने एक टीम जांच के लिए गठित की थी,जिसमें 20 सदस्यों को शामिल किया था, लेकिन जांच आज तक नहीं हो पाई।
राजस्व-जमीन का डायवर्सन होना चाहिए। राजस्व विभाग की एनओसी के बिना गार्डन संचालन नहीं किया जा सकता। लेकिन राजस्व अधिकारियों की टीम कभी गार्डन का निरीक्षणा करने नहीं जाती। इसलिए नियमों का पालन किए बिना गार्डन चलाए जा रहे हैं।
पुलिस-समारोह के दौरान शादी घरों में शस्त्र प्रदर्शन, हर्ष फायर न हो और डीजे नियमानुसार उपयोग होना चाहिए। लेकिन संबंधित थाना क्षेत्र का पुलिस बल आयोजनों की निगरानी नहीं करता और कई बार जानलेवा हादसे हो जाते हैं।
टीएंडसीपी-निर्माण या जमीन उपयोग के लिए टीएंडसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की एनओसी जरूरी होती है। लेकिन शहर के किसी भी गार्डन संचालक ने यह एनओसी नहीं ली है।
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इन बिदुंओं पर होनी थी जांच
-गार्डन निजी स्वामित्व की भूमि पर है या किराए की।
-जमीन का डायवर्सन कराया या नहीं।
-गार्डन 10 हजार वर्गमीटर जमीन पर है या उससे कम।
-गार्डन के सामने की सडक़ कम से कम 18 मीटर चौड़ी है या नहीं।
-आगे का भाग कम से कम 40 मीटर है या नहीं।
-अधिकतम फर्श क्षेत्र अनुपात 0.10 या उससे अधिक है।
-कम से कम 40 प्रतिशत पार्किंग क्षेत्र है या नहीं।
-एमओएस 6.0 मीटर हो।
-उपयोग की जा रही जमीन आवासीय, कॉमर्शियल या कृषि है।
-मैरिज गार्डन का पंजीयन नगर निगम में है क्या।
-सफाई की व्यवस्था क्या है।
-कंपोस्टिंग की व्यवस्था है या नहीं।
-अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था और विद्युत सुरक्षा निरीक्षक की एनओसी?
-सीसीटीवी कैमरे है या नहीं, मॉनिटरिंग व रिकार्डिंग की व्यवस्था क्या हैं
-टीएंडसीपी से नक्शा और नगर निगम से निर्माण अनुमति है क्या।
-गार्डन क्षेत्र में विज्ञापन प्रदर्शित तो नहीं।
-गार्डन में पानी की पूर्ति कैसे की जा रही?
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किसी भी मैरिज गार्डन में नहीं है कोई इंतजाम
हर विवाह समारोह में जब बारात दरवाजे पर पहुंचती है तो आतिशबाजी चलाई जाती है और उससे निकलने वाली चिनगारियों से आग भडक़ने की आशंका रहती है, लेकिन शहर में थोकबंद खोले गए मैरिज गार्डन व विवाह घरों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। किसी भी मैरिज गार्डन में न तो फायर सेफ्टी स्प्रे है और न ही पानी का बोर आदि, ताकि आग भडक़ने पर उसे बुझाया जा सके। चूंकि जिस संगम और रंग महल गार्डन में आग भड$क़ी थी, वो शहर के नामी-गिरामी मैरिज गार्डन में शामिल हंै, लेकिन वहां भी इस तरह के कोई इंतजाम नहीं हैं।
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आवागमन भी होता है बाधित
शहर के कुछ मैरिज गार्डन में वाहन पार्किंग के लिए जगह तो है, लेकिन हर बार विवाह समारोह में उन स्थलों पर वाहन पार्क न करके सडक़ पर ही चार पहिया व दोपहिया वाहन खड़े किए जाते हैं। जिसके चलते शहर के अन्य प्रमुख मार्गों पर शादी-सहालग के दौरान सडक़ जाम के हालात बनते रहते हैं। चूंकि शादियों में चलने वाली आतिशबाजी मेन रोड पर ही चलाई जाती है, इसलिए सडक़ों से निकलने वाले लोगों को खतरा बना रहता है।