डीआरडीई लैब के लिए महाराजपुरा डांग में मिली 140 एकड़ जमीन
ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीई) की प्रयोगशाला के लिए म.प्र. के मंत्रिमंडल ने 140 एकड़ जमीन आवंटन का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर यह मंजूरी दी गई है।
ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय, म.प्र., ग्वालियर खंडपीठ ने डीआरडीई परिसर के 200 मीटर के दायरे में स्थित सभी निर्माणों को गिराने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश से लैब के दो सौ मीटर के दायरे में स्थित कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों एवं निजी परिसंपत्तियों पर खतरा पैदा हो गया था। इन परिसंपत्तियों को बचाने के लिए केन्द्रीय मंत्री तोमर ने रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कई बार मुलाकात कर चर्चा भी की थी। अब यह अतिरिक्त जमीन मिलने से उनकी संपत्तियां बच सकेगी। जनता की मांग पूरी करने के लिए तोमर ने रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री का आभार माना है। म.प्र. के मंत्रिमंडल से पारित प्रस्ताव के अनुसार, 140 एकड़ जमीन महाराजपुरा डांग व ग्वालियर में दी जाएगी, जिससे वहां डीआरडीई के लिए महत्वपूर्ण संवेदनशील सुविधा स्थापित की जाएगी। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री तोमर के प्रयासों से भोपाल व दिल्ली में विस्तृत चर्चाएं होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने मात्र एक प्रतिशत वार्षिक भू-भाटक पर बिना प्रीमियम के जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। इस संबंध में जिलाधीश ने प्रस्ताव भोपाल भेजा था, जिसके लिए तोमर ने जिलाधीश से भी जनता की मांग पर चर्चा की थी। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने डीआरडीओ के मुख्यालय के अधिकारियों को भी अवगत कराया था कि लोगों को किस तरह से परेशानी आ रही है, साथ ही पूर्व व वर्तमान रक्षा मंत्री के साथ भी बैठकें की थी।