स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र शासित सहित 13 राज्यों में फहराया जाएगा ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ में तैयार राष्ट्रीय ध्वज "तिरंगा"
- मध्यप्रदेश के जिला ग्वालियर में बने 14000 नग तिरंगे देशभर में 15 अगस्त को फहराए जाएंगे।
- चेतना राठौर
ग्वालियर। देश का गौरव राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को आजादी के बाद से ग्वालियर मध्य भारत खादी में आकार दिया जा रहा है। यहाँ बने राष्ट्रीय ध्वज देशभर में फहराया जा रहा है। हर साल की तरह इस वर्ष भी 14 हजार नग तिरंगे तैयार किए गए हैं। जो 13 प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश में लहरते हुए नजर आएंगे। हमारा राष्ट्रीय ध्वज शांति और भाईचारे की सोच के लिए न सिर्फ वर्तमान भारत की प्राथमिकता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की महान विरासत को संजोकर भी रखता है। भारत का तिरंगा अनेकता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है।
13 प्रदेशों में फहराए जाएंगे ग्वालियर में बने तिरंगे-
संस्था मंत्री रमाकांत शर्मा ने बताया कि देश के 13 प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार, बिहार, झारखंड, हरयाणा, जम्मू कश्मीर में ग्वालियर के मध्य भारत खादी संघ में बने तिरंगों को फहराया जाएगा। ऑर्डर समय पर पूरा करने के लिए संघ में कर्मचारी डेढ़ महीने से दिन रात काम कर रहे हैं। जिससे समय पर डिलेवरी हो सके। एक कर्मचारी एक दिन में 8 झंडे तैयार कर पाता है। संस्थान में सौर ऊर्जा का प्रयोग होता है।
इन साइज में तैयार किए जाते है तिरंगे-
मध्य भारत खादी संघ में 2 वाय 3, 4 वाय 6, 3 वाय 4, 8 वाय 12 फीट के तिरंगे तैयार किए जाते हैं। ऑर्डर आने पर इससे अधिक साइज के भी तिरंगा तैयार किए जाते हैं। ग्वालियर संघ में बना 20 वाय 30 फीट का तिरंगा बॉर्डर पर भी फहराया गया था।
1958 में हुई थी स्थापना-
ग्वालियर जीवाजीगंज खादी सदन की भूमि पर कार्यालय स्थापित हुआ था। 2016 में भारतीय मानक ब्यूरो भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद से संस्था आईएसआई मार्क के राष्ट्रीय ध्वज तैयार कर रही है।
15 अगस्त को मिलेगा छठवां राष्ट्रीय पुरस्कार-
ग्वालियर संस्था पहले भी 5 राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुकी है। 15 अगस्त 2023 को छटवां राष्ट्रीय पुरस्कार संस्था कर्मचारी भगवती बाई को भी दिया जाएगा।
कर्मचारी तैयार करते हैं झंडे के धागे-
झंडे को तैयार करने के लिए कई नियमों को फॉलो करना होते हैं। झंडे के धागे से लेकर उसके रंग,पट्टीयों को भी पूरे मापन के साथ तैयार करना होता है। जिस तरह तिरंगे बीच बना अशोक चक्र में 24 तिल्लियों को इस तरह छापा जाता है खादी के कपड़े के आरपार समान आकार में एक दूसरे को ढ़कतें हुए आए। रंग हल्का न पड़े इसलिए खास डाई का प्रयोग किया जाता है।