पुरानी विवादित आयकर की डिमांड में ग्वालियर के 15 प्रतिशत आयकर दाताओं को होगा लाभ
ग्वालियर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में सरकार ने करदाताओं, मध्यम वर्ग और महिलाओं को राहत दी है। बजट में टैक्स की दरों में कोई बदलाव तो नहीं किया गया है लेकिन वर्षों से लंबित बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने का फैसला लिया गया है। वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 25 हजार रुपए तक के विवादित मामलों को वापस लिया जाएगा। इसी तरह वर्ष 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपए तक के मामलों को वापस लिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से ग्वालियर शहर के लगभग 15 प्रतिशत से अधिक करदाताओं को लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ग्वालियर में लगभग 2.5 से 2.75 लाख करदाता हैं।
वित्त मंत्री द्वारा संसद में जब गुरुवार को देश का बजट प्रस्तुत किया तो शहर के व्यापारियों, कर सलाहकारों और सीए ने बेहद ही ध्यानपूर्वक सुना। टैक्स स्लेब में परिवर्तन को लेकर कई लोग उत्साहित थे लेकिन इसकी सीमा नहीं बढऩे के कारण लोगों को मायूसी हाथ लगी। व्यापारियों का कहना है कि यह अभी चुनावी बजट है। चुनाव के बाद आने वाली सरकार जब पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी तो उसमें टैक्स स्लेब का दायरा बढऩे की उम्मीद है। कुल मिलाकर जो बजट प्रस्तुत किया गया है वह संतुलित बजट है। सरकार ने इसमें कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाकर एक तरफ से राहत भी प्रदान की है।
इनका कहना है:-
‘भारत सरकार ने अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है वह स्वागत योग्य है। बजट में टैक्स प्रोसेसिंग की अवधि बढ़ाना अथवा फाइनेनशियल ईयर 2010 से 2015 के बीच के जितने भी प्रकरण हैं उनको समाप्त करने की बात कही गई है यह सुविधाजनक और स्वागत योग्य हैं। हम सभी को कर की सीमा 10 लाख होने की आशा थी वह नहीं हुआ है। यह अंतरिम बजट है इसलिए सरकार इसमें लोक लुभावने चीजें नहीं दे सकती हैं। लेकिन आने वाले समय में जो भी सरकार आएगी उसके बाद जो पूरक बजट प्रस्तुत होगा चेम्बर प्रमुखता से मांग करेगा की आयकर की सीमा को 10 लाख रुपए की जाना चाहिए। वहीं रेल बजट में जो हमारे तीन कॉरीडोर बन सकते हैं जिसमें ग्वालियर श्योपुर, ग्वालियर-भिण्ड-इटावा और ग्वालियर-शिवपुरी-गुना इसके लिए भी एक विशेष पैकेज दिया जाए। नई सरकार से इसकी मांग की जाएगी। कुल मिलाकर यह संतुलित बजट है। ’
डॉ. प्रवीण अग्रवाल
अध्यक्ष, मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स
‘कैट ने वित्तमंत्री से आग्रह किया था कि टर्नओवर प्रजम्टेड स्कीम में अण्डर सेक्शन 44एडी के तहत टर्नओवर बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाए। कैट की मांग को देखते हुए बजट में टर्नओवर बढ़ाकर 3 करोड कर दिया गया है जो पहले एक करोड़ था। वित्त मंत्री ने बजट में वित्तीय वर्ष 209-10 तक की 25 हजार डिमाण्ड को विड्रो किया तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 तक की 10 हजार तक की डिमाण्ड को कैट की मांग अनुसार विड्रो किया गया जो स्वागत योग्य है। कैट मांग के अनुसार नए रिजीम को 22अप्रैल रिटर्न के फार्म में डाल दिया गया है। इसके लिये कैट उनके प्रति आभार व्यक्त करता है।’
भूपेन्द्र जैन
कैट प्रदेश अध्यक्ष
‘वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में नई और पुरानी दोनों आयकर व्यवस्थाओं के लिए टैक्स स्लैब दरों को अपरिवर्तित रखा है, लेकिन पुरानी खड़ी टैक्स डिमांड्स में इस बजट में राहत दी गई है। पुरानी टैक्स डिमांड्स को माफ किया जाएगा। हालांकि इस पर पूरी तरह से सफाई अभी आना बाकी है। इससे ग्वालियर शहर के लगभग 15 प्रतिशत से अधिक करदाताओं को लाभ होगा। सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कुल मिलाकर यह एक संतुलित बजट है।’
पंकज शर्मा
चार्टर्ड एकाउंटेंट’
‘भारत की राष्ट्रपति और वित्त मंत्री एक महिला हैं। इसलिए इस बजट में महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए फोकस किया गया है जो बेहद ही स्वागत योग्य है। बजट लोक लुभावना न होकर एक संतुलित बजट है। ’
ऋतु भार्गव
एनसीसी नेवल ऑफीसर
‘इस बजट में हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है। तीन करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे लगता है कि सरकार महिलाओं के प्रति कितनी चिंता रखती है। बजट में एक बेहद ही अच्छी बात है कि इसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है। मगर टैक्स स्लेब को बढ़ाना चाहिए था।’
अंजली शिवहरे
जेसीआई वाइस प्रेसिडेंट
‘यह बजट एक संतुलित बजट है। इस बजट में एक खास बात यह है कि किराए के मकानों में रहने वाले मध्यम वर्ग को अपना मकान खरीदने या बनाने में मदद करने जो योजना आ रही है वह बेहद ही स्वागत योग्य है। इससे लोगों को छत मिल सकेगी। ’
वैशाली पाण्डे
गृहणी