18 माह में बननी थी 15.62 किमी लंबी स्मार्ट रोड, 27 महीने में सिर्फ दो किमी ही बन पाई
ग्वालियर,न.सं.। स्मार्ट सिटी डेवलेपमेंट कारपोरेशन का ‘स्मार्टनेस’ स दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए विकास के तमाम कामो में आपको खमियां देखने को मिल जाएंगी। कई जगह तो इतने घटिया काम हुए है कि हैरत हाती है। ताजा मामला थीम रोड का है। इसके लिए करोड़ो का बजट स्वीकृत हुआ। काबिल अफसरों की टीम लगी। डेढ़ साल में लगभग 15 किमी की यह सडक़ बनकर तैयार होनी थी, लेकिन अफसोस कि 27 महीने में यह सडक़ सिर्फ दो किमी ही बन सकी, उस पर भी काफी सौंदर्यीकरण का काम तो आधा अधूरा ही हो सकता है। आज भी इस सडक़ का हिस्सा कस्तूरबा मार्केट कंपू पर खुदा पड़ा है। यहां के लोगों को किन मुसीबतों से जूझना पड़ रहा है स्मार्ट सिटी की सीईओं नीतू माथुर को
इससे कोई वास्ता नहीं, वे तो निरंकुश अफसर की तरह काम कर रही है। अंचल के जनप्रतिनिधियों में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर सांसद और प्रभारी मंत्री तक सडक़ निर्माण की समय सीमा तय कर चुके है, लेकिन न तो सीईओ स्मार्ट सिटी और न ही बोर्ड के बाकी सदस्यों पर इसका कोई असर हुआ है। सडक़ निर्माण की यह देरदराजी आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत बनने वाली है।
बता दें कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा सितंबर 2020 में 300 करोड़ की लागत से 15.62 किमी सडक़ बनाने का टेंडर स्वीकृत कर एलएंडटी कंपनी से अनुबंध दिसंबर 2020 में किया गया था। जिसके अनुसार कंपनी को 18 महीने में थीम रोड अलावा शहर की करीब 18 सडक़ों पर अंडर ग्राउंड विद्युतीकरण, सौंदर्यीकरण, फुटपाथ का निर्माण सहित अन्य कार्यों को करना था। इसके बाद से अभी तक करीब 27 माह हो चुके हैं, लेकिन दो किलोमीटर सडक़ ही बन पाई, इस पर भी योजना के अनुसार काम पूरा नहीं हुआ है। जून माह में स्मार्ट सिटी का कार्यकाल भी पूरा होने जा रहा है, ऐसे में अब सवाल खड़े हो रहे है कि क्या स्मार्ट रोड की सौगात शहरवासियों को मिल पाएगी या नहीं।
500 मीटर की सडक़, खुदाई से लग रहा है जाम
सडक़ों को स्मार्ट बनाने के लिए कई सडक़ों कि 4 फीट तक खुदाई कर दी गई है जिसके कारण अब यातायात भी प्रभावित हो रहा है ।इसी का नमूना कंपू से शिवपुरी लिंक तक जोडऩे वाली स्मार्ट सडक़ पर देखा जा सकता है। शहर के कंपू क्षेत्र से गुड़ा गुड़ी का नाका होते हुए शिवपुरी लिंक से जोडऩे वाली सडक़ कस्तूरबा तिराहे से कंपू थाने तक 500 मीटर की है। इसी सडक़ से शहर भर के स्कूलों,कॉलेजों की हजारों बसें गुजरती है। इस सडक़ के टुकड़े पर कस्तूरबा गांधी विश्रांति भवन, इंदिरा गांधी कामकाजी महिला आवास गृह, सीनियर सिटीजन डे केयर सेंटर, ज्ञान मंदिर विद्यालय, कंपू थाना सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव का बंगला भी है । स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बनने वाली इस सडक़ को 4 फीट गहराई तक खोद दिया गया है, लेकिन सडक़ निर्माण का काम कछुआ गति से चल रहा है। जिसके चलते इस मार्ग से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है पूर्व में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी स्मार्ट सडक़ को 30 मई तक पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिस गति से सडक़ का निर्माण चल रहा है, उसे देखते हुए यह सडक़ भी समय सीमा में पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
10 अप्रैल तक काम पूरा करने का दावा
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का दावा है कि कंपू क्षेत्र से गुड़ा गुड़ी का नाका होते हुए शिवपुरी लिंक से जोडऩे वाली सडक़ कस्तूरबा तिराहे से कंपू थाने तक 500 मीटर की सडक़ को 10 अप्रैल तक बना दिया जाएगा। अधिकारियों का तर्क है कि सडक़ की खुदाई में सीवर व पानी की लाइने निकल आई है। उन लाइनों को शिफ्ट किया जा रहा है। वैसे इस सडक़ का काम एक हफ्ते में पूरा करना था।
बिल से काटी जाएगी जुर्माने की राशि
स्मार्ट रोड के टेंडर की शर्त के अनुसार प्रोजेक्ट में जितनी अधिक देर होगी उतनी पैनल्टी लगाई जाएगी। प्रोजेक्ट राशि की अधिकतम 10 प्रतिशत की पेनल्टी ही लगाई जा सकती है। पिछले 10 दिनों से कंपनी पर रोज पांच हजार रूपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। यह राशि कंपनी के बिल से ही काटी जाएगी।
स्मार्ट सिटी बोर्ड में यह अधिकारी है शामिल
-जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह
-निगमायुक्त किशोर कान्याल
-मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीतू माथुर
निदेशक मंडल में यह है शामिल
-निदेशक-प्रशांत मेहत
-केन्द्र शासन के नॉमिनी- अशोक कुमार बवाल
यह है स्मार्ट रोड का रूट
यह सडक़ महलगेट से कटोराताल, मांढरे की माता चौराहा, आमखो, एसएएफ रोड, कस्तूरबा चौराहा, राक्सी पुल, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, राममंदिर रोड, अचलेश्वर रोड होते हुए अचलेश्वर तिराहे तक बननी है। स्मार्ट रोड बनाने का काम एलएंडटी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है।
लूप सडक़ों पर आज तक किसी का ध्यान नहीं
एक तरफ स्मार्ट रोड को बनाने के 300 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। वहीं इस मार्ग की लूप सडक़ों पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया। जबकि इन लूप मार्गो पर सबसे ज्यादा वाहन गुजरते है।
अचलेश्वर मार्ग: इस मार्ग से रोज लगभग 30 हजार वाहन चालक गुजरते है। लेकिन यहां पर हर जगह गड्डे ही गड्े नजर आ रहे है। सबसे ज्यादा स्थिति सोमवार के दिन खराब होती है। यहां पर अचलेश्वर महादेव के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु सबसे ज्यादा परेशान हाते है।
रोशनीघर मार्ग: इस मार्ग से लोग सीधे चेतकपुरी होते हुए सिटी सेंटर तक पहुंचते है। लेकिन यहां हालत यह है कि रात के समय इस मार्ग पर अंधेरा छाया रहता है। साथ ही हर कदम पर गड्डे ही गड्डे दिखाई देते है।
महाराणा प्रताप नगर: यहां कॉलानी सबसे पॉश कॉलोनियों में से एक है। यहां से लोग नाकाचन्द्र वदनी व छत्री मार्ग होते हुए अस्पताल रोड तक पहुंच जाते है। लेकिन यहां पर हर जगह ठेले लगे हुए है। साथ ही सडक़ की हालत सबसे ज्यादा खराब है।लगभग एक महीने से सडक़ खुद हुई पड़ी है। रोड पर धीमी गति से काम चल रहा है। जब रोड खुदी है मेरे भोजनायल में काफी कम लोग आ रहे है। टिफिन का काम ही बड़ी मुश्किल से कर पा रहा हूं
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