90 यात्रियों की क्षमता वाले कोच में 250-300 यात्री कर रहे यात्रा

90 यात्रियों की क्षमता वाले कोच में 250-300 यात्री कर रहे यात्रा
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महंगी पड़ रही रेल यात्रा, सुविधा का बहाना, यात्रियों की कट रही जेब

ग्वालियर,न.सं.। ट्रेनों में सामान्य और स्लीपर घटाकर वातानुकूलित श्रेणी के कोच बढ़ाए जाने से आम आदमी के लिए रेल यात्रा महंगी होती जा रही है। सामान्य बोगी का हाल ऐसा है कि 90 यात्रियों की क्षमता वाले कोच में 250-300 यात्री यात्रा कर रहे हैं। रेलवे ने ट्रेनों में सामान्य कोच की संख्या चार से घटाकर दो कर दी है। अब स्लीपर श्रेणी के कोच हटाकर उनकी जगह वातानुकूलित (एसी) कोच लगाए जा रहे हैं। इससे रेल यात्रा लगातार महंगी हो रही है। इसकी वजह से 90 यात्रियों की क्षमता वाले जनरल कोच में 250-300 यात्री सफर कर रहे हैं। बुधवार को पातालकोट एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफार्म एक पर पहुंची तो यात्री ट्रेन में चढऩे के लिए दौड़ पड़े। अधिकांश के पास जनरल टिकट ही था। कोई स्लीपर में घुसा तो किसी ने थर्ड एसी में सामान रख दिया। सामान्य कोच के आगे की भीड़ संभालने के लिए आरपीएफ के जवानों को पसीना बहाना पड़ा। अंदर घुसने वालों की भीड़ के चलते बहुत से यात्री बाहर नहीं निकल पा रहे थे। इस दौरान कई यात्री इमरजेंसी खिडक़ी का फाटक खोलकर उसी रास्ते बाहर निकलने लगे।

ट्रेनों के सामान्य कोचों की संख्या हुई कम, चादर का झूला बनाकर कर रहे यात्रा

यात्री सुविधाओं के नाम पर रेलवे का यह कदम यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा है। एसी कोच अधिक होने से अमीर तबके को राहत मिल रही है, वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की परेशानी बढ़ गई है। 22 कोच की रेक में अब सात की जगह सिर्फ दो-दो सामान्य व स्लीपर कोच लगाए जा रहे हैं। 24 कोच

की रेक में दो सामान्य, पांच स्लीपर व 15 एसी कोच लगाए जा रहे हैं। रेलवे का तर्क है कि सभी ट्रेनों में रेक की संरचना समान करने से संचालन में आसानी होगी।

स्लीपर में 240, तृतीय श्रेणी में 610 रुपए देकर पहुंच रहे दिल्ली

ग्वालियर से दिल्ली का सामान्य श्रेणी का किराया ... रुपए है। स्लीपर श्रेणी में यह किराया 240 से 260 रुपये तक है। एसी-थ्री में 610 रुपये का है। तत्काल टिकट लेने पर यात्रियों को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और स्पेशल ट्रेनों के किराए में भी अंतर है।

गोवा एक्सप्रेस में सबसे ज्यादा समस्या

20 कोच की रेक संरचना

श्रेणी पहले अब

सामान्य 04 02

स्लीपर 07 02

एसी थ्री 06 8

एसी टू 04 02

एसी वन 01 01

पेंट्री कार 01 01

पावर कार 01 01

एसएलआर 00 01

स्लीपर कोच घटाना ठीक नहीं

यात्री सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सामान्य दिनों में ही ट्रेनों में यात्रा के लिए कंफर्म टिकट मिलना मुश्किल होता है। स्लीपर कोच की संख्या घटाना ठीक नहीं है। ट्रेन को सुविधाजनक और आम आदमी की सवारी माना जाता है। एसी कोचों के कारण यात्रा महंगी हुई है।

यात्री विवेक तोमर ने कहा कि एसी कोच में यात्रा करने वालों की सुविधा के साथ रेलवे को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का भी ध्यान रखना चाहिए। ट्रेनों में सीट मिलना मुश्किल होता है। स्लीपर कोच के अलावा एसी श्रेणी के कोचों में भी कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता।

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