जयविलास पैलेस : 30 मराठा साम्राज्य के पराक्रम और राजसी वैभव की बयानगी है 'गाथा स्वराज की'
जयविलास पैलेस में नवनिर्मित गैलरी के लिए पेंटिंग बनाती आर्टिस्ट और तलवारों की प्रदर्शनी
ग्वालियर/वेब डेस्क। सिंधिया राजवंश का जय विलास पैलेस और संग्रहालय का दुनिया भर में एक अलग ही स्थान है। इटली के टस्कन और कोरिथियन शैली में बना यह महल राजसी वैभव की जीती जागती मिसाल है। इसमें कोई 42 कमरों में संग्रहालय है, जिसमें सिंधिया राजवंश के वैभव से लेकर उनके जन सरोकार को प्रदर्शित करने वाली चीजें प्रदर्शित है। वास्तव में यह संग्रहालय सिंधिया राजवंश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेज है। अब इस संग्रहालय में एक नया आयाम जुडऩे जा रहा है। देश के मराठा राजवंशों और उनमें हुए योद्धाओं के शौर्य पराक्रम पर केन्द्रित एक अनूठी गैलरी संग्रहालय का हिस्सा बनने जा रही है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को इस गैलरी का उद्घाटन करने जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के न्यौते पर आ रहे श्री शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहने वाले हंै।
'गाथा स्वराज की' की नाम से बनाई गई यह गैलरी मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज और सिंधिया राजवंश के महान पराक्रमी महाराजा महादजी सिंधिया को समर्पित है। यह गैलरी केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे और सुपुत्र महानआर्यमन सिंधिया के मार्गदर्शन में तैयार की गई है।
30 मराठा रियासतों की झलक देखने को मिलेगी
देश में मराठा शासकों का बड़ा योगदान रहा है। देश में हिन्दवी साम्राज्य की स्थापना को लेकर शिवाजी महाराज ने जो शुरूआत की उसे लेकर आगे बढऩे वाले महादजी सिंधिया 1771 में दिल्ली में हिन्दवी स्वराज का झंडा गाढ़कर पूरा किया। इस गैलरी में सिंधिया, गायकवाड़, होलकर, नेवालकर भौंसले और पवार जैसे मराठा राजवंशो के शौर्य पराक्रम की झलक आप देख पाएंगे। मराठा शासकों की उस समय 30 रियासतें देशभर में थीं। मराठों ने मुगलों से जमकर लोहा लिया और उन्हें परास्त भी किया।
इतिहास और कला का मिश्रण
गैलरी वास्तव में अद्भुत है। यह इतिहास और कला दोनों का अनूठा मिश्रण है। गैलरी में मराठा राजवंशो के जीवंत पोट्रेट लगाए गए हंै, जो चित्रकला की अद्भुत मिसाल हंै। शिवाजी महाराज से लेकर मराठा राजवंशों के योद्धाओं के पोट्रेट बेहतरीन हंै। गैलरी में सिंधिया राजवंश के महादजी सिंधिया, माधवराव प्रथम, जनकोजीराव, दौलतराव सिंधिया सहित अन्य योद्धाओं के पोटे्रट हंै। हिन्दी, अंग्रेजी और मराठी में इनका परिचय भी दिया गया है।
महल में पहली बार दिखेंगी झांसी की रानी
इस गैलरी में मराठा क्षत्राणियों के भी पोट्रेट प्रदर्शित हैं। खासकर बैजाबाई, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, चिनकूरानी आदि के पोट्रेट बेहद सुंदर हंै, लेकिन एक खास बात यह है कि संग्रहालय में पहला दफा लक्ष्मीबाई का पोट्रेट एक मराठा क्षत्राणी के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है। बताना मुनासिब होगा कि रानी लक्ष्मीबाई को लेकर सिंधिया राजवंश लगातार आलोचना झेलता रहा है। पिछले दिनों स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता को लेकर कहा कि ' एक कविता से इतिहास नहीं बदला जा सकता है। अब वे खुद भी झांसी की रानी की समाधि पर जाने लगे हंै। भाजपा में आने के बाद यह बदलाव सभी ने देखा है। महल से जुड़े सूत्र कहते हंै कि झांसी की रानी को सिंधिया हमेशा मानते आए हंै। यह भ्रम फैलाया गया कि सिंधिया राजवंश ने उनका साथ नहीं दिया। बहरहाल गैलरी में झांसी की रानी दिखेंगी।
स्लाइड से दिखाया गया है इतिहास, 30 रियासतों की पगडिय़ां भी देख सकेंगे
गैलरी में कुछ स्लाइड्स शो के जरिए मराठा शासकों का इतिहास दिखाने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही 30 मराठा रियासतों की पगडिय़ों की झलक भी इस गैलरी में दिखेगी। गैलरी 17 अक्टूबर से सैलानियों के लिए खोली जाएगी।
शाह को परोसे जाएंगे शाही व्यंजन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जयविलास पैलेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ डाइनिंग हॉल में ब्रेकफास्ट करेंगे। इसके लिए खानसामा द्वारा शाही व्यंजन तैयार किए जाएंगे। यह सारी व्यवस्था श्री सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया और सुपुत्र महान आर्यमन सिंधिया की देखरेख में की जा रही है। इसके लिए प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को भी जिम्मेदारी दी गई है। महल में 15 से 18 विशेष आमंत्रित लोग ही शामिल रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री के आगमन को लेकर महल में विशेष विद्युत सजावट और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। वहीं शाम को महल में चांदी की ट्रेन का ट्रायल भी किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से समूचे परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही सभी कर्मचारियों की तलाशी लेकर उन्हें अंदर प्रवेश दिया जा रहा है।
यह भी कर चुके हैं मेहमाननवाजी
पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया और उसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुलावे पर कई वर्षों से विशिष्ट राजनीतिक हस्तियां महल में मेहमानवाजी कर चुकी है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति वेंकट रमन वह प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर बीपी सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुलायम सिंह यादव आदि प्रमुख हैं।