ग्वालियर पुलिस जोड़ रही परिवार, धारा 498A में 5095 आए आवेदन, 2604 मामलों में कराया समझौता

ग्वालियर पुलिस जोड़ रही परिवार, धारा 498A में 5095 आए आवेदन, 2604 मामलों में कराया समझौता
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  • घरेलु हिंसा और दहेज़ एक्ट में ग्वालियर महिला थाना में तीन साल में हुए सर्वाधिक केस दर्ज, पुलिस ने उठाया सराहनीय कदम टूटने से बचा रही परिवार
  • चेतना राठौर

ग्वालियर। पिछले तीन सालों में धारा 498A घरेलू हिंसा के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इन मामलों में महिला अपने पति और उसके परिवार पर हिंसा का आरोप लगाती है। ऐसी स्थिति में पति-पत्नी का रिश्ता तलाक पर जाकर ही खत्म होता है। लेकिन ग्वालियर महिला थाना में पुलिस परिवारों को बिखरने से बचा रही है। हर दिन औसतन 4 मामले थाने में घरेलू हिंसा के आते है। जिसमें महिला अपने पति पर मार-पीट करने और सास-ससुर पर तंज कसने, दहेज मांगने जैसे आरोपों में मामला दर्ज कराए हैं। थाना परामर्श केंद्र में काउंसलर महेंद्र शुक्ला पति-पत्नी की काउंसलिंग करते हैं, जिसमें उनका सबसे ज्यादा ध्यान उनके बीच समझौता कराने पर होता है। 2020 से 2022 तीन साल में 5095 आवेदन आए। आवेदनों में 2684 मामलों में समझौता करा चुके है। 1186 एफआईआर और 140 तलाक हुए हैं। समझौते हुए वह परिवार आज खुशी से अपना जीवनयापन कर रहे हैं। थाने में हर साल लगभग 10 हज़ार आवेदन आते हैं। जिसमें से आवेदन देने के बाद कुछ लोग आते हैं और कुछ नहीं, जिनमें से कुछ की परामर्श केंद्र में कॉउंसलिंग की जाती है।

ऐसे कराए समझौते -

परिवार नहीं था साथ रखने का तैयार-

परिवर्तित नाम रामा अपने पति सुरेंद्र के साथ दिल्ली रहती थी। उसका पति आईटी इंजीनियर है, डिप्रेशन की वजह से उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गयी थी फिर अपने परिवार के साथ रहने आ गया था। परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने की वजह से रामा प्राइवेट जॉब करने लगी थी। वह अपने परिवार के साथ पति की देखभाल भी अच्छे से कर रही थी। लेकिन सास-ससुर का उसका जॉब करना पसंद नही आ रहा था। रामा पर वह कई आरोप लगाकर उसे सुरेंद्र से अलग करना चाहते थे। महिला थाना में मामला आया जिसमें लगभग 4 काउंसलिंग के बाद सुरेंद्र और रामा एक साथ रहने को और परिवार रामा को साथ रखने के लिए तैयार हो गया। और सुरेंद्र की मानसिक स्थिति भी अच्छी हो गई। अब वह परिवार के साथ अच्छे से रह रहे हैं।

पत्नी को समझाया पति का साथ-

परिवर्तित नाम रीना और रमेश दोनों की लव मैरिज हुई थी। लेकिन जब रीना प्राइवेट जॉब करने लगी तो उसका अफेयर उसके ही बॉस से चलने लगा, जिसका पता उसके पति रमेश को चला। रीना पति के साथ रहने को तैयार नही थी। वह अपने बॉस के साथ रहना चाहती थी। महिला थाना में रीना ने आवेदन दिया जिसके बाद उसकी काउंसलिंग परामर्श केंद्र में हुई। पुलिस के कहने पर रीना मायके में रही। कुछ समय बाद पुलिस के पूछने पर रीना ने कहा कि वह अपने बॉस के साथ रहना चाहती है। पुलिस ने उसकी काउंसलिंग की और उसके बॉस को बुलाकर रीना से शादी करने को कहा जिसके बाद बॉस ने शादी करने को मना कर दी। बॉस की सारी बातें पुलिस ने रीना को सुनाई जिसके बाद रीना को अपने पति रमेश के साथ रहने को कहा और अब वह दोनों साथ रह रहे हैं।

ऐसे समझें आकड़े -

वर्ष

आवेदन

समझौते

न्यायालय कार्यवाही

एफआईआर

तलाक

2020

1432

834

199

369

50

2021

1455

741

353

351

26

2022

1493

709

394

346 44

2023

(जनवरी से जून 2023 तक के आंकड़े )

715

320

255

120

20

समाज को जोड़ने के लिए परिवार जोड़ना जरूरी-

पिछले कुछ सालों से धारा 498 A के केस ज्यादा दर्ज होने लगे हैं। हमारा मानना है। देश के विकास के लिए समाज को जोड़ना जरूरी और समाज को जोड़ने के लिए परिवार को जोड़ना जरूरी है। इसलिए हमारे पास आने वाले ज्यादा से ज्यादा मामलों में समझौता कराने का प्रयास करते हैं। घरेलू हिंसा,दहेज मांग,मारपीट जैसे मामले ज्यादा आते हैं। पति-पत्नी से बात करके उन्हे साथ रहने के लिए समझात हैं।

अनीता मिश्रा, महिला थाना टीआई

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