इंदौर में हुई कार्रवाई ग्वालियर में सिर्फ बैठकों में ही करते रहे मंथन
ग्वालियर, न.सं.। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद इंदौर में जहां खुले में मांस एवं मछली के विक्रय पर गुरूवार से ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। वहीं ग्वालियर में दिनभर बैठकों में ही मंथन चलता रहा और 15 दिसम्बर से अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। प्रभारी जिलाधीश अंजू अरूण कुमार एवं पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल की मौजूदगी में गुरूवार को प्रशासनिक अधिकारियों, धर्मगुरूओं, शहर के मैरिज गार्डन संचालक एवं डीजे संचालकों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि पुलिस अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में धर्मगुरूओं के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें शासन के प्रावधानों से अवगत कराएं तथा धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्व अनुमति के साथ ही निर्धारित डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए।
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। बैठक में सभी पुलिस अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों, नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। यह दल नियमित रूप से भ्रमण करेंगे और धर्मगुरूओं एवं मैरिज गार्डन संचालकों के साथ ही डीजे संचालकों को भी शासन के नियमों से अवगत कराते हुए बिना अनुमति के और निर्धारित डेसिबल से अधिक का प्रयोग नहीं करें। जिन्हें भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों की अनुमति चाहिए वे निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सभी थाना स्तरों पर एक सूची भी संधारित की जाए। जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने वालों का विस्तृत विवरण अंकित हो। बैठक में स्पष्ट किया गया कि शासन के प्रावधानों के अनुसार ही नियमानुसार लाउड स्पीकरों का उपयोग किया जा सकेगा।इसके लिए पूर्व में अनुमति लिया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार अनुमति के साथ ही निर्धारित प्रावधानों का पालन करते हुए मांस एवं मछली का विक्रय किया जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
अभियान के संबंध में विस्तार से की चर्चा
नगरीय निकाय द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में बिना अनुमति मांस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में 15 दिसम्बर से चलने वाले विशेष अभियान के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि शहर में विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मांस एवं मछली के विक्रय के लिए नगरीय विकास विभाग के अधिनियमों के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रावधान लागू होते हैं। इसके अंतर्गत जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मांस एवं मछली के विक्रय के संबंध में अतिरिक्त शर्तें लगाई जाती हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच/दरवाजा एवं साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है।
इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। नगरीय निकायों के आयुक्त और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अधिनियमों/नियमों एवं लायसेंस की शर्तों का पालन कड़ाई से कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी निकाय क्षेत्रों में आगामी 15 दिवस तक अतिक्रमण निरोधी दस्ते तथा स्वास्थ्य अमले के अतिरिक्त जिला एवं पुलिस प्रशासन विशेष अभियान चलायेगा। यह अभियान 15 दिसम्बर से प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर तक निरंतर चलाया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक बोले यह आदेश सभी के लिए है
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री चंदेल ने कहा कि पुलिस के पास कई शिकायतें आती हैं कि घर में हार्ट का मरीज है और तेज आवाज में डीजे वज रहा है। इसके अलावा बच्चे भी परेशान होते हैं। इसलिए यह आदेश सभी के लिए है और सभी को इसका पालन करना चाहिए।
धर्मगुरूओं ने यह दिए सुझाव
- धार्मिक स्थानों पर पूर्व से ही जो लाउड स्पीकर लगे हैं, उनकी सूची प्रशासन स्तर पर तैयार की जाए और कितनी आवाज में स्पीकर बजाना है। उस हिसाब से स्पीकर को सेट कराया जाए।
- लाउड स्पीकर व डीजे बजाने की अनुमति लेने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे किसी को कोई परेशानी न हो।
- धार्मिक स्थलों पर जब अधिकारी जांच के लिए आए तो स्थल के प्रतिनिधी को भी साथ में लिया जाए।
- धार्मिक चल समारोह में जो डीजे बजाए जाते हैं, उसमें भगवान के गाने न बजाते हुए फिल्मी गाने बजाए जाते हैं। इसलिए ऐसे लोगों पर भी निगरानी रखी जाए।