आचार संहिता लगते ही हरकत में आया प्रशासन, ग्वालियर में राजनेताओं पर लगा अंकुश

आचार संहिता लगते ही हरकत में आया प्रशासन, ग्वालियर में राजनेताओं पर लगा अंकुश
जिले की कमान अब प्रशासन के हाथ, हटवाई प्रचार सामग्री

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को आचार संहिता लागू होते ही राजनेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रशासनिक अमले के इस्तेमाल पर अब अंकुश लग गया है। राजनेताओं को अब कोई भी आयोजन शासकीय स्थान पर करने की अनुमति नहीं मिलेगी। सारे आयोजन का खर्चा अब उन्हे स्वयं ही भुगतना होगा। इसी के साथ उनकी सेवा में लगे गाड़ी-घोड़े, अधिकारी व कर्मचारी भी उनसे दूर ही रहेंगे। रैली, सभाओं, वाहनों, प्रचार-प्रसार आदि की विशेष रूप से अनुमति लेना होगी। वहीं अब प्रशासन का तेवर भी बदल गया। इसी के चलते जिलाधीश के निर्देश पर शहर भर में चुनावी बैनर, पोस्टर व होर्डिंग हटवाए गए। वहीं जिलाधीश रूचिका चौहान ने शनिवार को आयोजित हुई पत्रकारवार्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा को जारी किए गए लोकसभा आम निर्वाचन कार्यक्रम के तहत ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में 12 अप्रैल से 19 अप्रैल तक नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा (जांच) 20 अप्रैल को होगी। निर्वाचन कार्यक्रम के तहत 22 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में मतदान के लिए 7 मई की तिथि निर्धारित की गई है। मतों की गिनती 4 जून को होगी। जिलाधीश श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करना होगा। आदेशों की अवहेलना एवं आचार संहिता के उल्लंघन करने पर नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इन अधिकारियों के हाथों में रहेगी कमान

चुनाव के पहले प्रशासनिक सर्जरी के बाद कई नए अधिकारियों ने ग्वालियर में आमद दी है। उनके लिए बड़े जिले में चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पहले से ही कार्यरत कुछ अधिकारियों के अनुभव के आधार पर वह चुनाव सम्पन्न कराएंगे। सम्भागीय आयुक्त की बात की जाए तो डॉ. सुदाम खांडे एवं चम्बल आयुक्त के पद पर संजीव कुमार झा पदस्थ किए गए हैं। इनके हाथों में अलग-अलग जिलों की कमान होगी। वहीं ग्वालियर की नवागत जिलाधीश रूचिका सिंह एवं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के कंधों पर चुनाव कराना चुनौती रहेगा। यद्यपी एडीएम टीएन सिंह व अंजू अरूण कुमार, उप निर्वाचन अधिकारी के.एल. पांडे पहले से ही पदस्थ हैं। इसके अलावा समस्त एसडीएम भी पहले से ही हैं, जिससे चुनाव कराने में आसानी होगी।

सात दिन में जमा करने होंगे शस्त्र, छूट के लिए करना होगा आवेदन

जिले में शस्त्र लायसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं। जिलाधीश श्रीमती चौहान का कहना है कि सभी लायसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इसके सात ही लोगों को अपने शस्त्र सात दिन के अंदर संबंधित थानों में जमा करने होंगे। इसके अलावा शास्त्र जमा न करने की छूट पाने के लिए जिलाधीश कार्यालय में आवेदन करना होगा। उल्लेखनीय है कि जिले में 32 हजार 167 शस्त्र लायसेंस हैं। अगर समय अवधी में कोई व्यक्ति अपने शस्त्र जमा नहीं करता है तो उसका लायसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

एक लाख से अधिक नकद लेकर नहीं चल सकते

आचार संहिता लागू होते ही अब लोग एक लाख से अधिक नकद लेकर नहीं चल सकते हैं। अगर एक लाख से ऊपर कोई ले जाता हुआ मिलता है तो राशि जब्त कर ली जाएगी। रकम के दस्तावेज देने के बाद ही वापस ले सकेंगे।

आचार संहिता में किन कामों पर होती है पाबंदी

  • - संहिता लागू होने के बाद केंद्र या राज्य सरकार किसी नई योजना और नई घोषणाएं नहीं हो सकतीं।
  • - किसी भी विकास कार्य का भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकता है।
  • - चुनावी तैयारियों के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
  • - सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा।
  • - आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती हैं।
  • - होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं।
  • - राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर बैठक के लिए अनुमति लेनी होती है।
  • - धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा।
  • - मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है। रिश्वत के बल पर वोट हासिल नहीं किए जा सकते है।
  • - मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते है।

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