शाह की क्लास के बाद भाजपा में तेज हुई हलचल
ग्वालियर। अप्रैल-मई में प्रस्तावित 18 वीं लोकसभा चुनाव की भाजपा-कांग्रेस अपने -अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। दोनों ही दलों की ओर से मार्च के प्रथम पखवाड़े में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी किए जाने के दावे भी किए जा रहे हैं। भाजपा चुनाव तैयारी की दृष्टि से एक बार फिर कांग्रेस पर बढ़त बनाती दिख रही है। भाजपा का काम जहां बूथ स्तर तक शुरु हो गया है तो कांग्रेस अभी अपने नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ संगठन को ठीक करने में उलझी हुई है। भाजपा के चाणक्य देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रविवार को पार्टी के प्रमुखजनों की क्लास के बाद पार्टी की हलचल तेज हुई है तो अंचल की चारों लोकसभा सीट के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है। दावेदारों को डर सता रहा है कि पार्टी विधानसभा चुनाव व राज्यसभा चुनाव की तरह नये चेहरों पर कहीं दांव न लगा दे। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव की कमान भी विधानसभा चुनाव की तरह गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है। प्रदेश चुनाव प्रभारी से लेकर लोकसभा प्रभारियों, लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र संयोजक तक की तैनाती कर दी गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा , मुख्यमंत्री डा.मोहन सिंह यादव से लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों, भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों को चुनावी मोड में जुटा दिया गया है। लोकसभा स्तर से लेकर विधानसभास्तर तक पार्टी के चुनाव कार्यालय खुल रहे हैं। दीवार लेखन का काम तेजी से चल रहा है। वहीं बैठकों और मोर्चा व प्रकोष्ठों की भी जिम्मेदारी तय कर टास्क दे दिया गया है। मप्र में 29 क्लीन स्वीप की तैयारी में भाजपा जुटी है। अपनी विरोधी पार्टी कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भाजपा में लाने की मुहिम अलग से चल रही है। आये दिन कांग्रेस को झटके देकर कांग्रेसजनों को भाजपा में शामिल किया जा रहा है।
शाह की खरी-खरी से हैरान
भाजपा की चुनावी कमान संभाले देश के गृह मंत्री अमित शाह रविवार को ग्वालियर आए और ग्वालियर-चंबल संभाग की चारों लोकसभा सीटों ग्वालियर , दतिया- भिण्ड, श्योपुर - मुरैना, गुना,शिवपुरी व अशोकनगर के चुनिंदा 400 कार्यकर्ताओं की क्लास लगाई। इस क्लास में शाह ने खरी -खरी बात की। वह इशारों में साफ कर गए कि क्या मिलेगा इसकी उम्मीद मत करना। जब शाह ने पुराने कार्यकर्ताओं से पूछ लिया कि 15 साल में क्या मिला? उनका जवाब आते ही पार्टी में आए नए लोगों को भी संदेश दे दिया कि कोई अपेक्षा नहीं पालें। शाह इसके साथ ही बूथ स्तर तक कांग्रेस को कार्यकर्ताविहिन करने के भी निर्देश दे गए। शाह की क्लास के बाद अब पार्टी की गतिविधियों और चुनावी तैयारियों में और तेजी देखने को मिलेगी।
दावेदारों की बढ़ी धुकधुकी, युवाओं में जागी उम्मीद
ग्वालियर-चंबल संभाग की चारों सीटों में से तीन सीटों ग्वालियर, भिण्ड-दतिया व गुना,शिवपुरी- अशोकनगर सीट पर अभी भाजपा के विवेक शेजवलकर, संध्या राय, केपी सिंह यादव सांसद हैं। श्योपुर- मुरैना सीट भाजपा के नरेन्द्र सिंह तोमर के विधायक चुने जाने के बाद सांसदी से इस्तीफा देने से खाली है। ग्वालियर से सांसद विवेक शेजवलकर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया का नाम प्रमुख रूप से चर्चाओं में चल रहा है। वहीं विधानसभा चुनाव की तर्ज पर नये व युवा चेहरों को अवसर देने की बात भी भाजपा की बीथिकाओं में चल रही है। इसी प्रकार भिण्ड से सांसद संध्या राय, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य प्रमुख दावेदार हैं तो पूर्व सांसद भागीरथ प्रसाद की भी सक्रियता इन दिनों दिख रही है।
पूर्व मंत्री इमरती देवी मीडिया वालों से चर्चा कर अपनी दावेदारी जता रही हैं। इसी प्रकार मुरैना सीट से विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी फिर सांसदी की इच्छा रखे हुए हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम भी चौपालों की चर्चा में हैं। यहां स्थानीय उम्मीदवार की भी अंदर ही अंदर दबे स्वर मांग चल रही है। राजनीतिक गलियारों में प्रदेश सरकार के मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर, ग्वालियर नगर निगम के सभापति मनोज सिंह तोमर के नाम भी मुरैना सीट पर चर्चाओं में हैं। दोनों नेताओं की जन्मभूमि मुरैना जिला हैं। इसके इतर भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष अभय चौधरी भी ग्वालियर सीट से टिकट की चाह रखे हुए हैं। गुना सीट से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बढ़ी सक्रियता से उनकी इच्छा भी गुना से लडऩे की है, ऐसा राजनीतिक गलियारों की चर्चाओं में माना जा रहा है। वहीं वर्तमान सांसद केपी सिंह यादव भी पूरी तरह चुनाव लडऩे के मूड में हैं और व्यापक स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल भाजपा ने विधानसभा व राज्यसभा चुनाव में जिह तरह नये उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर सभी को चौंका दिया था।अब राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व नये व युवा चेहरों को अवसर दे दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। फिलहाल टिकट के दावेदारों की नींद में श्री शाह की खरी -खरी बातों से खलल जरुर पड़ गया है।