ग्वालियर के नागरिकों का मत, अनय द्विवेदी होना चाहिए निगमायुक्त
ग्वालियर,न.सं.। नगर निगम के आयुक्त पद पर किसी ईमानदार अधिकारी को होना चाहिए, तभी शहर का पूरा विकास संभव है। पिछले दो निगमायुक्तों ने राजनीतिक आकाओं की दम पर पदस्थापना कराकर ग्वालियर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसीलिए यहां पर अनय द्विवेदी जैसे ईमानदार अधिकारी को निगमायुक्त होना चाहिए। यह प्रतिक्रिया बीते रोज स्वदेश द्वारा प्रकाशित खबर को भारतीय जनता पार्टी के संभागीय सह मीडिया प्रभारी पवन सेन द्वारा सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद आमजन की है।
यहां बता दें कि चार वर्ष पूर्व जब ग्वालियर नगर निगम में निगमायुक्त के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनय द्विवेदी को लाया गया था। तब उन्होंने न सिर्फ नगर निगम में सेटअप के हिसाब से अधिकारियों की पदस्थापना की। वहीं क्षेत्राधिकारी, सीसीओ, सीओ की नई प्रणाली लागू की थी। जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और अधिकारियों की निगरानी भी अच्छी तरह से हुई। यद्यपि यह व्यवस्था अभी भी लागू है, किंतु यहां मूल पद को दरकिनार कर रेवडिय़ों की तरह पद बांट दिए गए हैं। जिससे आमजन के कोई काम नहीं हो रहे। भ्रष्टाचार चरम पर है, इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि भी नगर निगम से संतुष्ट नहीं हैं। यहीं कारण है कि प्रमोटी आईएएस संदीप माकिन को हटाने जाने की मांग उठ खड़ी हुई है।
मुक्तिधाम गोद लेने गए लोगों को लौटाया
भारत विकास परिषद द्वारा मुरार के ग्रामीण क्षेत्र में एक मुक्तिधाम को गोद लेकर विकास करने के लिए निगमायुक्त संदीप माकिन से समय लिया गया था। जब इस सामाजिक संस्था का प्रतिनिधि मंडल उनके दिए समय पर उनसे मिलने बालभवन पहुंचा तो श्री माकिन ने यह कहकर उनसे मिलने से इंकार कर दिया कि वे किसी से नहीं मिलते। मैंने किसी को समय नहीं दिया।
सोशल मीडिया पर ऐसे मिली प्रतिक्रिया
- -मनोज सिंह राजपूत-मैं तो पहले ही कहता था कि ये भ्रष्टाचारी है और सबसे बड़े भ्रष्टाचारी नेता वह है, जो इनको शरण देते हंै। पूरे शहर और नगर निगम को बर्बाद कर दिया।
- -मनीष सोनी- आखिर कमिश्नर माकिन पर किस माई बाप का हाथ हैं। क्या सरकार को नहीं पता कि ये पियादा अब किसी काम का नहीं रहा।
- -अमित बसंल- पूरी नगर निगम ही भ्रष्ट है।
- -उपेन्द्र सिंह तोमर- विनोद शर्मा और संदीप माकिन नगर निगम इतिहास के सबसे भ्रष्ट अधिकारी हंै। इनको नगर निगम ग्वालियर का कमिश्नर बनाया जाना कोई आम प्रक्रिया नहीं थी। नेताओं की बड़े प्रोजेक्ट पर पैसों की भूख ने इन भ्रष्ट अधिकारियों को ग्वालियर की सीट उपलब्ध कराई। इन्हीं कारणों से हम कभी भी इंदौर की बराबरी नहीं कर पाते।
- -घनश्याम शर्मा- नगर निगम ऑफिस एवं जनमित्र केंद्रों पर शासन की हर योजना के लिए जनता से पैसा मांगा जा रहा है। कर्मचारियों में बिलकुल भी डर नहीं है।
- -सुभाष शर्मा- इसमें सिर्फ अधिकारियों के ऊपर दोषारोपण करके काम नहीं चलेगा। माल के बड़े बड़े हिस्सेदार भी हैं, उनका भी पता लगाना चाहिए।
- -संतोष गोडयाले-अनय द्विवेदी के समय में सारे अधिकारी अनुशासन में थे अब तो ये हाल हो गया है जिन पर लोकायुक्त जांच चल रही है, उनको कई प्रभार दिए जा रहे हैं। भ्रष्ट अधिकारियों की बल्ले-बल्ले है।
- -विनय बघेल-सबसे भ्रष्ट अधिकारी ये, इनको जनता के हवाले कर देना चाहिए।
- -चंद्रेश गर्ग- अब तो सरकार आपकी है, फिर क्यों रो रहे हो, कर दो ट्र्रांसफर
- -विष्णु शर्मा- नगर निगम में अनियमित्ताओं की कमी नहीं है, करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई है।
- -देव तिवारी- अनय द्विवेदी ही एक मात्र अधिकरी थे, जिन्होंने नगद निगम को नगर निगम बनाया।
- -रामेन्द्र सिंह-अनपूर्वक हुए कार्य का भी भुगतान किया है।