भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी का संकट टला, हाईकोर्ट ने उनके नट जाति के प्रमाण पत्र को ठहराया सही
ग्वालियर। स्क्रुटनी कमिटी द्वारा 18 दिसंबर 2019 को सभी पक्षों को सुनने के बाद वैध ठहराया गया था। इस आदेश को याचिकाकर्ता एवं भाजपा के ही नेता लड्डूराम कोरी ने हाई कोर्ट में रिट दायर कर चुनौती दी थी। जिसमें कहा था कि जजपाल सिंह जज्जी ने अशोकनगर की सुरक्षित सीट से फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर विधायकी हासिल की है । इसलिए उनका चुनाव शून्य घोषित किया जाए । इस पर सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया ने 12 दिसंबर 2022 को स्कूटनी कमेटी के आदेश को आपस्त कर दिया था और विधायक जजपाल सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनका चुनाव निरस्त करने की कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए थे । इसके खिलाफ भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने हाईकोर्ट में डिवीजन बेंच में अपील की थी। डिवीजन बेंच ने विधायक के पारिवारिक बैकग्राउंड और स्क्रुटनी कमिटी के आदेश को सही ठहराते हुए, विधायक जज्जी के जाति प्रमाणपत्र को सही ठहराते हुए उन्हें बड़ी राहत प्रदान की है। पिछले दिनों ही सिंगल बेंच ने उन्हें न्यायालय में अपने कथन के लिए आवश्यक रूप से पेश होने के निर्देश दिए थे। लेकिन वह इस मामले में अपनी बीमारी की वजह से कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। इस बीच डिविजन बेंच का फैसला आने से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
खास बात यह है कि इलेक्शन प्रोसीडिंग को लेकर सिंगल बेंच में विधायक जज्जी के खिलाफ सुनवाई चल रही है जिसमें गुरुवार को एकल पीठ में जज्जी को पेश होने के आदेश दिए गए हैं। वहीं डिवीजन बेंच में उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर रिवीजन चल रही थी। लेकिन डिवीजन बेंच के आदेश के बाद अब सिंगल बेंच में चल रहे इलेक्शन प्रोसिडिंग के उल्लंघन के मामले पर खासा असर पड़ेगा। पूरा दारोमदार उनके नट जाति के प्रमाण पत्र पर था जिसे डिवीजन बेंच ने अब सही ठहरा दिया है और उनके परिवार के पंजाब से 100 साल पहले माइग्रेट होकर अशोकनगर में बसने की बात को सही माना गया है।