ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री की नहीं सुन रहे अधिकारी, नाराजगी के बाद भी समय पर पूरा नहीं हो सका प्रसूति गृह का निर्माण कार्य

ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री की नहीं सुन रहे अधिकारी, नाराजगी के बाद भी समय पर पूरा नहीं हो सका प्रसूति गृह का निर्माण कार्य
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मामला बिरला नगर प्रसूति गृह के निर्माणधीन भवन का

ग्वालियर, न.सं.। बिरला नगर में संचालित प्रसूति गृह में भी बड़ी संख्या में प्रतिदिन सामान्य प्रसव एवं ऑपरेशन होते हैं। लेकिन प्रसूति गृह का भवन छोटा होने के कारण यहां पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को कई बार रैफर कर दिया जाता है। इन्ही सब परेशानी को देखते हुए 50 पलंग के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन ऊर्जा मंत्री की नाराजगी के बाद भी भवन का काम सात माह बाद भी पूरा नहीं हो सका है। दरअसल बिरला नगर प्रसूति गृह में प्रतिदिन 300 से अधिक मरीज ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा प्रतिमाह 50 तक प्रसव के अलावा ऑपरेशन भी किए जाते हैं। लेकिन प्रसूति गृह में एक ही ऑपरेशन थिएटर होने के साथ ही पलंगों की संख्या भी महज 30 ही है। जिस कारण इमरजेंसी में आने वाली गर्भवती महिलाओं को व्यवस्था न होने के चलते कमलाराजा या जिला अस्पताल में रैफर कर दिया जाता है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर के प्रयासों से प्रसूति गृह के सामने ही 50 बिस्तरीय एक मंजिला नए प्रसूति गृह भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका काम पूरा कर नए भवन को दिसम्बर 2022 में ही स्वास्थ्य विभाग को हेंडओवर किया जाना था। लेकिन सात माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी भवन का काम पूरा नहीं हो सका है। इतना ही नहीं तय समय पर काम पूरा न कर पाने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा संबंधित ठेकेदार पर आज दिन तक कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। जिसको लेकर अब जिम्मेदारों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भवन का काम पूरा हो चुका है और एक माह में हेण्ड ओवर भी कर दिया जाएगा। जबकि हकीकत तो यह है कि अभी नए अस्पताल में डक्ट लगाने के साथ ही अन्य कई बड़े काम रह गए हैं। जिसे पूरा होने के कम से कम दो माह से अधिक का समय लगेगा। ऐसे में अगर जिले में आचार संहिता लगती है तो भवन का काम अधर में ही लटक जाएगा।

ऊर्जा मंत्री को दिया था एक माह का आश्वासन

सिविल अस्पताल में मार्च माह में हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री तोमर द्वारा प्रसूति गृह के निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर संबंधित से नाराजगी व्यक्त की थी। जिसको लेकर अधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री को एक माह में काम पूरा कर भवन हेण्ड ओवर करने का आश्वासन भी दिया था।

प्रसूति गृह में यह होंगी सुविधाएं

भूतल पर सुविधाएं-

नवनिर्मित भवन में दो ऑपरेशन थिएटर तैयार किए गए हैं। उक्त ऑपरेशन थिएटर भूतल पर ही बनाए गए हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं को परेशान न होना पड़े। इसके अलावा दो ओटी होने से प्रसूति गृह में प्रसव के अलावा ऑपरेशन की संख्या भी बढ़ जाएगी। इसी तरह भूतल पर आईसीयू, पीएनसी वार्ड, ड्रेसिंग रूम, दवा वितरण केन्द्र, ओपीडी, अल्ट्रासाउण्ड कक्ष, पैथोलॉजी, जनरल वार्ड, लेबर रूप, मरीजों व उनके परिजनों के लिए प्रतिक्षा कक्ष, डॉक्टर व स्टाफ ड्यूटी रूम सहित अन्य सुविधाएं होंगी।

- प्रथम तल पर रहेंगे यह सुविधाएं: प्रथम तल पर चार जनरल वार्ड, एनआईसीयू, ब्लड स्टोरेज, पैथोलॉजी, दवा स्टोर कक्ष, एमआरडी, प्रशासनिक ब्लॉक, मीटिंग हॉल, नर्सिंग कॉमन कक्ष, डॉक्टर कॉमन कक्ष सहित अन्य सुविधाएं होंगी।

भवन हेण्ड ओवर होने के बाद होगा काम शुरू

प्रसूति गृह का निर्माणधीन भवन 50 पलंग का है। लेकिन प्रसूति गृह का 100 पलंग तक बनाया जाएगा। इसके लिए भी शासन से बजट भी स्वीकृत हो गया है। जिसको लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 50 पलंग के भवन का उद्घाटन होने के बाद 100 पलंग के लिए निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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