अंतत: सिकरवार भोपाल रवाना, आज कमलनाथ के समक्ष लेंगे कांग्रेस की सदस्यता

अंतत: सिकरवार भोपाल रवाना, आज कमलनाथ के समक्ष लेंगे कांग्रेस की सदस्यता
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एक बार फिर से मुन्नालाल से हो सकता है मुकाबला

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। जैसी की चर्चा थी कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. सतीश सिंह सिकरवार की चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हो चुकी है और वे कभी भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। यह बात अब सच होने जा रही है। डॉ. सिकरवार सोमवार को अपरान्ह 4 बजे शिवपुरी लिंक रोड स्थित अपने जेबीआईटीएम महाविद्यालय से वाहनों के एक बड़े काफिले के साथ भोपाल रवाना हो गए। बताया गया है कि वे मंगलवार, आठ सितम्बर को सुबह 11 बजे कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। ऐसा होने पर एक बार फिर दो पुराने चेहरों के बीच ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उप-चुनाव में मुकाबला देखने को मिलेगा लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग पार्टी से आमने-सामने होंगे।

जानकारी के मुताबिक डॉ. सिकरवार को लेकर लंबे समय से यह बात सामने आ रही थी कि वे कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और ग्वालियर पूर्व से टिकट देने की शर्त पर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इस बार यह वार्ता पूरी तरह सफल रही, जिसमें डॉ. सिकरवार को टिकट का जैसी ही भरोसा दिलाया गया तो उन्होंने अपनी टीम से भोपाल कूच करने को कहा। सोमवार को दोपहर 1 बजे से उनके ललितपुर कार्यालय में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित, प्रदेश सचिव अलबेल सिंह घुरैया, उप नेता प्रतिपक्ष चतुर्भुज धनौलिया आदि भोपाल चलने के लिए मंत्रणा करते दिखे। इस दौरान सिंधिया समर्थक पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष शीतल अग्रवाल भी सिंधिया का संदेश लेकर उनके समक्ष पहुंचे लेकिन उन्होंने भाजपा में अपनी घोर उपेक्षा की बात कहते हुए कोई बात करने से इंकार कर दिया। इस बीच डॉ. सिकरवार समर्थित कार्यकर्ताओं का जमावड़ा उनके जेबीआईटीएम महाविद्यालय में लगने लगा। वे श्री घुरैया की गाड़ी में बैठकर पहले अचलेश्वर मंदिर पर पूजा-अर्चना के बाद महाविद्यालय पहुंचे और फिर से वहां से बड़े काफिले को लेकर भोपाल रवाना हो गए। भोपाल में एक होटल में 70 कमरों के अलावा दो कोठियों पर ये लोग ठहरेंगे। मंगलवार को सुबह तय समय अनुसार सुबह 11 बजे सदस्यता का कार्यक्रम होगा।

सतीश की कांग्रेस नेताओं से चर्चा हो चुकी

डॉ. सिकरवार के कार्यालय पर कांग्रेस के प्रदेश सचिव अलबेल सिंह घुरैया ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि यह बात सही है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अन्य वरिष्ठ नेताओं से उनकी चर्चा हो चुकी है। हम चाहते हैं कि जुझारू और संघर्षशील नेता की कांग्रेस को जरूरत है। एक-दो दिन में परिणाम सामने आ जाएंगे।

खुद बाहरी और दूसरे पर लगा रहे लांछन

बालेन्दु शुक्ला कभी कद्दावर नेता हुआ करते थे और कांग्रेस में उनके बगैर पत्ता भी नहीं हिलता था किंतु बसपा और भाजपा में जाकर बेकदरी कराने के बाद अब एक बार फिर उनका कांग्रेस प्रेम जागा और वे कांग्रेस में आ गए। उनकी मंशा एक बार फिर अपनी कोठी पर बड़ा मजमा लगाने की है। इसके लिए वे ग्वालियर पूर्व से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। उनकी कोठी पर कुछ चहेते समर्थक पहुंच रहे हैं। वहां कभी जिलाध्यक्ष को हटाने की योजना बनती है तो कभी कोई और योजना। अब जैसे ही डॉ. सिकरवार के कांग्रेस प्रवेश की बात आई तो श्री शुक्ला ने इन समर्थकों के जरिए ऐसी बात कांग्रेस की बैठक में उठवाने की बात की जो स्वयं उन पर लागू है, क्योंकि वह स्वयं बाहरी हैं और अब यह विषय दूसरे नेताओं से उठाकर डॉ. सिकरवार के कांग्रेस प्रवेश में अडंगा लगाना चाहते हैं। किंतु उनकी यह योजना पूरी तरह विफल रही। क्योंकि बैठक में जो उनके समर्थक थे वह इस बात को जोरदारी से नहीं रख सके। उलटे एक कार्यकारी अध्यक्ष ने उन्हीं पर बाहरी होने के आरोप लगा दिए।


इनका कहना है

मेरे बार-बार कांग्रेस में जाने की खबरें चल रहीं हैं, ऐसा अभी कुछ नहीं है। मैं जब भी जाऊंगा सबको बताकर जाऊंगा। आज तो मैं अपने गांव बाबा के श्राद्ध में शामिल होने के लिए जा रहा हूं। 22 अगस्त को भाजपा के ग्वालियर पूर्व के सदस्यता अभियान में इसलिए शामिल नहीं हुआ क्योंकि वह कार्यक्रम नए कार्यकर्ताओं के भाजपा में आने का था। मैं पहले से ही भाजपा में हूं।

-डॉ. सतीश सिंह सिकरवार, वरिष्ठ भाजपा नेता



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