भाजपा की बूथ विस्तारक योजना 2.0 रही कमजोर

भाजपा की बूथ विस्तारक योजना 2.0 रही कमजोर
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प्रदेश संगठन की मंशा अनुसार नहीं बन पाए पन्ना प्रमुख

ग्वालियर,न.सं.। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की बूथ विस्तारक योजना 2.0 17 दिन तक चले अभियान के बाद कार्यकर्ताओं की उदासीनता के कारण आखिर कमजोर साबित हुई। क्योंकि कार्यकर्ता प्रदेश नेतृत्व की मंशा अनुसार पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति बनाने का काम मात्र 30 से 35 प्रतिशत ही हो सका जबकि इसे पचास फीसदी तक ले जाते तो 51 प्रतिशत मतों के लक्ष्य तक पहुंचना आसान हो जाता।

उल्लेखनीय है कि बूथ विस्तार योजना 1.0 के तहत बूथ समिति बनाई गई थी। जिसमें प्रत्येक बूथ पर लगभग 10 लोगों का मोबाइल नंबर, फोटो के साथ डिजिटल सत्यापन किया गया। जिससे प्रत्येक बूथ पर 10 लोगों से पार्टी का सीधा संवाद स्थापित हुआ था। बूथ विस्तारक योजना 1.0 की सफलता को देखते हुए, कार्य को विस्तार देते हुए भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व बूथ विस्तारक योजना 2.0 लेकर आया। जिसके तहत मतदाता सूची के प्रत्येक पन्ने पर एक पन्ना प्रमुख व पन्ना समिति बननी थी। एक पन्ने पर 30 मतदाता होते हैं। इस तरह संगठन 30 मतदाताओं पर अपने एक कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपना चाहती थी। बूथ विस्तार योजना 2.0 की अवधि 15 से 25 मार्च थी।काम की उदासीनता के चलते लक्ष्य पूर्ति के लिए इसे बढ़ाकर 31 मार्च किया गया। लेकिन फिर भी ग्वालियर महानगर भाजपा इकाई यह काम 30 से 35 प्रतिशत ही पूरा कर पाई।

दरअसल जो बूथ मतदाता सूची कॉलोनी-बाईस नहीं है। एक छोटी सी कॉलोनी के लोग 2 से 5 बूथों पर मतदाता हैं। जिससे एक ही परिवार के मतदाता कई मतदान केंद्रों पर मत डालने को मजबूर हुए थे। फिर भी बूथ विस्तारक, संयोजक सहित पार्टी के नेता अपने मतदान केंद्र पर अपने कॉलोनी व आस-पड़ोस के 30 से 35 प्रतिशत मतदाता ही ढूंढ पाए हैं। इसी कारण 30 से 35 प्रतिशत बूथ विस्तारक योजना 2.0 का काम पूरा हुआ है। जिसे पन्ना प्रमुख बनाया गया है, वह भी अपने पन्ने के सभी 30 सदस्यों को चाहकर भी नहीं ढूंढ/पहचान पाया । इस तरह 30 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख को जिम्मेदारी देने की प्रदेश नेतृत्व की मंशा फिलहाल कमजोर मानी जाएगी। नगर निगम चुनाव में जिन मतदाताओं के केंद्र बदल गए थे उनमें भी आज तक पूरा सुधार नहीं हो पाना प्रशासनिक व्यवस्थाओं के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की भी कमजोरी माना जा रहा है।

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