ग्वालियर में न्यूरोलॉजी विभाग के लिए भवन का होगा निर्माण
ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय समूह में संचालित न्यूरोलॉजी विभाग का तीन मंजिला भवन बनायया जाएगा। इसके लिए गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा भेजी गई सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। इसलिए आचार संहिता के बाद नए भवन के लिए बजट भी आवंटन कराया जा सकता है। नए भवन के बनने से मरीजों को बेहतर उपचार तो मिल ही सकेगा। साथ ही चिकित्सकों की भी परेशानी खत्म होगी।
दरअसल न्यूरोलॉजी विभाग में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिस कारण कई बार मरीजों को पलंग तक नसीब नहीं हो पाता। इसके अलावा विभाग में खुद का आईसीयू भी नहीं है। ऐसे में मरीजों को मेडिसिन विभाग के आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है। इन्ही सब परेशानी को देखते हुए नए भवन की मांग की गई है।
लोक निर्माण विभाग की इकाई पीआइयू द्वारा नए भवन के लिए तैयार की गई डीपीआर के अनुसार न्यूरोलॉजी विभाग की तीन मंजिला इमारत के निर्माण की लागत 20 करोड़ आएगी। भवन को गोलाकार के साथ दिमाग की आकृति दी जाएगी। विश्वस्तरीय तर्ज पर इसे तैयार किया जाएगा। न्यूरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश उदेनिया ने का कहना है कि नए भवन से मरीजों को बेहतर उपचार तो मिलेगा है। साथ ही विभाग का भी विस्तार होगा।
नए भवन में यह होंगे सुविधाएं
नए भवन में न्यूरो कैथ लैब, स्ट्रोक यूनिट, गंभीर मरीजों के लिए आइसीयू की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही ग्राउंउ फ्लोर पर ओपीडी रहेगी। इमरजेंसी कैजुअल्टी, सीटी स्कैन मशीन, पहली मंजिल पर वार्ड, जहां 20 पलंग पुरुष, 20 महिला मरीजों के होंगे। दूसरी मंजिल पर स्ट्रोक यूनिट दस पलंग, दस पलंग का आइसीयू रहेगा। इसके साथ ही इमरजेंसी कैजुअल्टी में दस पलंग रहेंगे।
स्ट्रोक यूनिट भी होगी तैयार
इस यूनिट में लकवा और अन्य रोगियों को भर्ती किया जाएगा। वहीं न्यूरो लैब आधुनिक और अपनी तरह की पहली लैब होगी। यह कैथ लैब की तर्ज पर न्यूरो कैथ लैब होगी, जिसमें आइसीयू होगा। इसमें ब्रेन और गर्दन की नसों की एंजियोग्राफी और इलाज हो सकेगा। इसी प्रकार लकवा रोगी की नसों में कैथेटर से सीधे थक्के वाले स्थान पर दवा पहुंचाई जा सकेगी। गर्दन की नसों में सिकुडऩ आने पर एंजियोग्राफी कर उसे दूर किया जा सकेगा।