उप-चुनाव अंचल की अस्मिता और प्रष्ठिता का चुनाव है
ग्वालियर, न.सं.। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते हमारा अध्ययनशील होना बहुत आवश्यक है। अध्ययन से तर्कशक्ति आती है और तर्कशक्ति से आत्मविश्वास आता है। इसलिए हम जब महा जनसंपर्क अभियान के दौरान परिवारों से संपर्क करें तो अध्ययन करके जाएं और पार्टी के विचारों को दृढ़ता के साथ उनके बीच रखें। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने महा जनसंपर्क अभियान की तैयारियों को लेकर ग्वालियर विधानसभा के लोको स्थित चुनाव कार्यालय में आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए कही।
एकात्मक मानवदर्शन के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती 25 सितंबर से प्रारंभ हो रहे घर-घर संपर्क अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए श्री पाराशर ने बताया कि यह अभियान 27 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में यह उप-चुनाव इस अंचल की अस्मिता और प्रतिष्ठा का चुनाव है। हमें लोगों को यह बताना चाहिए कि कमलनाथ जी ने इस अंचल की अस्मिता और प्रतिष्ठा को लूटा है। इस अंचल के विकास के हक पर डाका डाला है। उसका बदला लेने का चुनाव है। श्री पाराशर ने कहा कि कमलनाथ ने ग्वालियर-चंबल की लगातार उपेक्षा की है। वे अपने आपको एक टापू का मुख्यमंत्री मानते थे। कार्यकर्ता जब संपर्क करने जाएं तो लोगों को बताएं कि कांग्रेस सरकार ने 15 महीनों तक क्या-क्या पाप किए। वंदे मातरम को बंद किया, मीसाबंदियों की पेंशन बंद की, पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया।
हमारी, भारतीय जनता पार्टी समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति की चिंता करती है। आज पं. दीनदयाल जी के सपने को पूरा करने का काम, डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के मार्ग पर चलते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी ने डॉ. बाबा साहब अंबेडकर जी का लगातार अपमान किया। उनके सपने और व्यक्तित्व की हत्या की। वरिष्ठ नेता वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि इस उप चुनाव में अच्छे परीक्षार्थी के रूप में कार्य करना है। चुनाव में प्रत्येक बूथ को हमें अच्छे अंकों से पास करना है। हमें अपने आपको सिद्ध करने का अवसर है। जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर गजेन्द्र सिंह राठौर, दीपक शर्मा, ओमप्रकाश शेखावत, राजेन्द्र जैन, विकास गिरी, भरत दांतरे आदि उपस्थित रहे। संचालन महेश उमरैया एवं आभार श्रीमती मीना सचान ने व्यक्त किया।