अरे भाई संभलकर चलिए, सड़क पर खुले हैं चेंबर
ग्वालियर, न.सं.। शहर की सड़कों से अगर आपको निकलना है तो पूरी तरह संभलकर रहिए। शहर की यातायात और बदहाल सड़कों से अगर बचकर निकल भी गए तो अव्यवस्थित व खुले सीवर चेंबर आपको हादसे का शिकार बना सकते हैं। यह स्थिति किसी से छुपी नहीं है। जिम्मेदारों ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी तो रोज चार पहिया वाहनों में बैठकर खुले चेंबरों के बगल से सही सलामत निकल जाते हैं। अब दूसरा कोई इनमें गिरे तो इन्हें कोई मतलब नहीं। लगातार शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन बहरा बना हुआ है। सीवर चेंबर के ढक्कन यदि खुले पड़े हैं तो उन्हें लगवाने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय अधिकारी की होती है। लेकिन क्षेत्रीय अधिकारियों का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं जाता है।
शहर में कहीं सीवर के तो कहीं पानी सप्लाई के वाल्व को फिट करने बनाए गए चेंबरों में बरसात के मौसम में पानी भर जाता है। सड़क से लगे होने के कारण राहगीरों को ये दिखाई नहीं देते हैं और लोग इस कारण दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं। निगम के आंकड़े बताते हैं कि पूरे शहर में सीवर और पानी सप्लाई के कुल 500 चेंबर ऐसे हैं जो या तो खुले पड़े हैं या उनके ढक्कन टूटे हुए हैं।