73 वर्ष बाद नहीं होगी छत्री की रामलीला

73 वर्ष बाद नहीं होगी छत्री की रामलीला
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दाल बाजार की बड़ी माता भी नहीं बैठेंगी

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण का असर धार्मिक आयोजनों पर भी पड़ रहा है। प्रशासन की गाइड लाइन के कारण इस वर्ष छत्री मैदान में होने वाली रामलीला और दशहरा चल समारोह नहीं निकाला जाएगा। यह रामलीला पिछले पिछले लगभग 73 वर्षों से की जा रही है जिससे श्रद्धालुओं में खासी मायूसी है। वहीं दाल बाजार व्यापार समिति द्वारा प्रति वर्ष इंदरगंज थाना के सामने स्थापित होने वाली बड़ी माता नहीं बैठाई जा रहीं हैं। इनके द्वारा पिछले 21-22 वर्षाों से यहां माता स्थापित की जा रहीं थीं। जो बड़े ही आकर्षण का केन्द्र हुआ करती थीं।

श्री रामलीला समारोह समिति के संयोजक रमेश अग्रवाल एवं महासचिव विमल जैन ने बताया कि रामलीला के आयोजन को लेकर मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समिति की बैठक हुई, जिसमें आए सुझावों के बाद यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष रामलीला का आयोजन स्थगित कर देना चाहिए। चूंकि इस संबंध में जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने गाइड लाइन के तहत यह कहा था कि 100 से अधिक दर्शक नहीं होना चाहिए। इन्हीं सब बातों को देखते हुए रामलीला एवं दशहरा चल समारोह इस वर्ष नहीं होगा। यहां बता दें कि इस आयोजन पर समिति द्वारा प्रति वर्ष भव्य रामलीला के लिए 25 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं जिसके लिए उन्हें सहयोग राशि एकत्रित करना होती है। किन्तु मात्र 100 दर्शकों के लिए इतना बड़ा खर्चा करना समिति ने उचित नहीं समझा। बैठक में राधेश्याम भाकर, विष्णु प्रसाद गर्ग, रमेश चौरसिया, सुरेश बंसल, सत्य कुमार मिश्रा, पीताम्बर लोकवानी, दीपक जैन, राम नारायण मिश्रा, गुड्डू वारसी आदि उपस्थित रहे।

दाल बाजार की माता कार्यालय में बैठेंगी:-

वहीं पिछले कई वर्षों से इंदरगंज थाना के सामने स्थापित की जा रहीं माता इस बार सदाव्रत की बगिया में स्थित दाल बाजार व्यापार समिति के कार्यालय में छोटे रूप में विराजित की जाएंगी। यह जानकारी समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल ने देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के कारण ऐसा करना पड़ा है। बाजार और चौराहे पर रोशनी लगाई जाएगी।

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