ग्वालियर में 25 लाख के मुर्गे, चूजे, मछली खा गए चिडिय़ाघर के सांप-अजगर

ग्वालियर में 25 लाख के मुर्गे, चूजे, मछली खा गए चिडिय़ाघर के सांप-अजगर
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शेर बाघ ने खाया 80 लाख का मीट

ग्वालियर। चिडिय़ाघर के सांप और अजगर खाने के मामले में बहुत तेज हैं। सुनकर हैरत होगी कि सालभर में दावत के नाम पर ये 25 लाख रुपये खर्च करा बैठे, इनमें मुर्गे, चूजे व मछली शामिल है। सरीसृप गृह में शीशे के केबिन में कैद ये सांप-अजगर हर शाम जमकर दावत उड़ाते हैं। खाने के रूप में इनके सामने पंसदीदा भोजन चूहे, मुर्गे और मछली रखी जाते हैं। प्रबंधन का कहना है कि सप्ताह में अजगर को एक या दो मुर्गे व छोटे सांपों को सप्ताह में 5 से 7 चूहे और मछली दी जाती है। शिकार को पचाने में उन्हें काफी समय लगता है।

वर्ष 1902 में खोले गए चिडिय़ाघर में वर्तमान में 600 के आसपास वन्य प्राणी हैं। इनमें बाघ से लेकर बब्बर शेर और शुतुरमुर्ग और ईमू पक्षी तक शामिल है। जिनमें से ज्यादातर वन्यजीव और पक्षी शाकाहारी हैं। इसके बावजूद मांसाहारियों की खुराक पर आने वाला खर्च उनकी खुराक के खर्च का करीब तीन गुना है। यहां पांच शेर, तेंदुए और बाघ हैं जिनको रोजाना मीट परोसा जाता है। इनका पेट भरने के लिए चिडिय़ाघर प्रबंधन सालभर में करीब 80 लाख रुपये का मीट खरीदता है। इसी में से लकड़बग्घा को मीट दिया जाता है।

40 लाख की हरी सब्जियां भा रही शाकाहारी जानवरों

खीरा, ककड़ी, टमाटर, पत्तागोभी, की एक माह में एक क्विंटन की खपत हिरणों की प्रजातियां या बंदर की हों, इन सभी शाकाहारी जानवरों को पत्तागोभी सबसे ज्यादा भाती है। वह एक माह में करीब एक क्विंटल हरी सब्जी खा जाते हैं। इसी तरह इन वन्यजीवों को पालक भी काफी पसंद है। वह एक साल में करीब 40 लाख की हरी सब्जियां खा जाते हैं। पालक ईमू की सबसे ज्यादा प्रिय है।स समय चिडिय़ाघर में रहने वाले पक्षियों और जानवरों की डाइट में बदलाव किया गया है। अभी उनको पानी की ज्यादा मात्रा वाले खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं जैसे खीरा, ककड़ी, टमाटर आदि इसके साथ ही ठोस पदार्थ कम कर दिए गए हैं।

जानवरों को हर सीजन चेंज पर मल्टी विटामिन

चिडिय़ाघर में जानवरों का विशेष ख्याल रखा जाता है। इसके पीछे खास वजह है कि यहां इन जीवों को हर मौसम के हिसाब से मल्टी विटामिन और कैल्शियम की दवाएं दी जाती रहती हैं। साथ ही कई जबलपुर से समय-समय पर वरिष्ठ चिकित्सकों का दल परीक्षण के लिए आता है।

ये वन्यजीव बढ़ा रहे शोभा

अभी चिडिय़ाघर में स्तनपायी वन्य प्राणियों में भालू, चिंकारा, सिविट, सियार, तेंदुआ, मकाऊ बंदर, लंगूर, टाइगर, बब्बर शेर, ब्लैक बक, हिप्पो, हिरण, नीलगाय, सांभर, आदि हैं। सरीसृप प्रजाति के घडिय़ाल, मगरमच्छ, कोबरा, मानिटर लिजार्ड, पायथन, रसेल वाइपर, धामिन, बोआ सहित कछुए, चिडिय़ाघर घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पक्षियों को भी यहां रखा गया है।

चिडिय़ाघर में बढ़ा इन प्राणियों का कुनबा

चिडिय़ाघर में भी वन्य प्राणियों के कुनबे में बढ़ोतरी होती रहती है। इसका कारण है कि यहां वन्य प्राणियों के अनुकूल माहौल के साथ ही खानपान का भी ख्याल रखा जाता है। यही कारण है कि चौपाए वन्य प्राणियों में हिप्पो, लायन और टाइगर की संख्या में यहां वृद्धि हुई है। पहले यहां एक हिप्पो लाया गया था, लेकिन अब इनकी संख्या बढक़र तीन हो चुकी है। इसके अलावा सफेद टाइगर का कुनबा भी बढ़ा है। इसी कारण पक्षियों में नाइट हेरोन, पेंडेंट स्टाक, कनकलून और ईमू जैसे बड़े पक्षियों ने भी यहां बच्चों को जन्म दिया। वहीं चिडिय़ाघर में भी गिद्धों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2023-24 के बीच चिडिय़ाघर में छह गिद्ध रेस्क्यू कर लाए गए और अब इनकी संख्या बढक़र 14 हो चुकी है

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