आचार संहिता हटते ही एडीएम ऑफिस पहुंचने लगे चिटफंड के निवेशक
ग्वालियर, न.सं.। आचार संहिता हटने के बाद से ही चिटफंड कम्पनियों में निवेश करने वाले लोग अब फिर से एडीएम ऑफिस के चक्कर काटने लगे हैं। एडीएम कार्यालय में अभी तक 10 हजार से अधिक आवेदन जमा हो चुके हैं, जिन्हें अपनी निवेश की गई राशि वापस मिलने की उम्मीद है। जिस कारण एडीएम ऑफिस में आवेदकों का डेर लगा हुआ है। लेकिन निवेशको का पैसा कैसे वापस मिलेगा, इसका किसी भी अधिकारी के पास कोई जबाव नहीं है। जिस कारण निवेशक निराश होकर लौट रहे हैं।
दरअसल जिला प्रशासन ने वर्ष 2011 से 2012 के बीच चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई की थी। इन कंपनियों ने ग्वालियर-अंचल सहित मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश सहित दक्षिण भारत में कारोबार किया। लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद निवेशक जब कम्पनियों के एजेंटों के पास निवेश की गई अपनी राशि लेने पहुंचे तो एजेंटों ने भी हाथ खड़े कर दिए। क्योंकि कम्पनियां अपने ऑफिस भी बंद करके चाली गई थी। इसके अलावा कम्पनी के संचालाकें का भी कोई पता नहीं चला। ऐसे में रुपया वापसी के लिए निवेशकों ने कलेक्ट्रेट में चक्कर काटना शुरू कर दिया। संगठित होकर अधिकारियों से भी मुलाकात की।
जनसुनवाई में आवेदन दिए गए। इनकी परेशानी को देखते हुए निवेशको से आवेदन लिए गए। आचार संहिता लगने के पहले तक निवेशकों ने अपने आवेदन जमा किया और आचार संहिता लगने के बाद आवेदन लेना बंद कर दिए गए। लेकिन अब जब आचार संहिता हट गई है तो निवेशक फिर से कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने लगे हैं। निवेशक सुबह से ही एडीएम ऑफिस में पहुंच जाते हैं और पूछते हैं कि उन्हें उनके निवेश किए हुए पैसे कम मिलेंगे। लेकिन किसी भी अधिकारी के पास यह जबाव नहीं है कि राशि कैसे और कब तक लौटाई जाएगी।
परिवार डेयरी के निवेशक पहुंचे जिला न्यायालय
परिवार डेयरी के निवेशकों को रुपया जिला न्यायालय के माध्यम से लौटाए जा रहे थे। इसलिए पाच हजार निवेशकों के रुपए लौटाए भी गए। लेकिन मद्रास उच्च न्यायालय ने परिवार डेयरी के खातों पर रोक लगा दी, जिसकी वजह से रुपया वापस नहीं मिल पा रहा है। जो लोग रुपया वापसी के लिए अपनी पॉलिसी के साथ कोर्ट कमिश्नर के यहां आवेदन कर चुके हैं। वह अपना रुपया वापसी के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें उच्च न्यायालय के स्टे की बात कहकर लौटाया जा रहा है। जबकि परिवार डेयरी में करीब 50 हजार लोगों ने निवेश किया था।
100 से अधिक कम्पनियों के आए आवेदन
जिन दस हजार से अधिक निवेशकों ने एडीएम कार्यालय में आवेदन किए हैं, उसमें 100 कम्पनियों के नाम सामने आए हैं। इसमें केएमजे व परिवार डेयरी, सक्षम डेयरी ने शहर में बड़ा कारोबा किया था। इनकी संपत्तियों को प्रशासन कुर्क कर चुका है। केएमजे की 63 संपत्तियां नीलाम की जा रही थी, लेकिन दूसरे राज्यों के निवेशकों ने नीलामी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। इसके बाद नीलामी पर रोक लग गई।
बच्चों की पढ़ाई व बेटी की शादी के लिए किए थे निवेश
चिटफंड कम्पनियों में कई निवेशकों ने तो अपने बच्चों की पढ़ाई और बेटी की शादी के लिए निवेश किया था। अभी तक जो दस हजार से अधिक आवेदन एडीएम कार्यालय में किए गए हैं। उनकी निवेश शशि करीब 20 करोड़ से अधिक है। जबकि कई निवेशकों ने तो अभी तक आवेदन ही नहीं किया है।
निवेशकों के भुगतान को लेकर शासन स्तर पर फैसला लिया जाएगा। उसके बाद ही तय होगा कि आवेदनों पर क्या कार्रवाई करनी है।
टी.एन. सिंह
अपर कलेक्टर