चुनाव जीतते ही अपनापन दिखाने लगे भितरघाती
ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस तरह की बढ़त मिली है, उसकी उम्मीद दरअसल कांग्रेसियों को खुद भी नहीं थी। इस कारण बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों द्वारा पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशियों के साथ भितरघात किया गया था, जो अब पार्टी को बहुमत की ओर जाता देखकर खासे चकित हैं। चूंकि उन्होंने जिस प्रत्याशी के साथ भितरघात किया था, वह अब जीत चुके हैं और पार्टी भी सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। ऐसे में यह भितरघाती अब पुन: इन प्रत्याशियों के सम्पर्क में आकर अपनापन दिखाने लगे हैं। यही नहीं पासा पलटते ही इन भितरघातियों में अब श्रेय लेने की होड़ भी लग गई है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिले की छहों सीटों से तमाम कांग्रेस नेताओं द्वारा टिकट के लिए बढ़- चढ़कर दावेदारी जताई जा रही थी, जिनमें से कई नेताओं द्वारा टिकट नहीं मिलने पर पार्टी प्रत्याशी का धुर विरोध किया था। यही नहीं उन्होंने अपने समर्थकों तक को इन प्रत्याशियों के विरोध में माहौल बनाने तक का इशारा किया था। दरअसल इन नेताओं को उम्मीद थी कि ऐसा करके वे पार्टी प्रत्याशी को हरवाने में कामयाब हो जाएंगे, जिससे वह प्रत्याशी आगामी चुनाव में पुन: दावेदारी नहीं जता सकेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से भितरघाती अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो सके और अब जबकि उनके द्वारा विरोध करने वाले पार्टी प्रत्याशी जीत चुके हैं, साथ ही पार्टी भी प्रदेश में सरकार बनाने की ओर बढ़ती नजर आ रही है। ऐसे में इन भितरघातियों को अब डर सता रहा है कि कहीं यह जीते हुए नेता उनके लिए परेशानी का सबब न बन जाएं। यही कारण है कि अब वे उन्हें साधने के प्रयास में जुट गए हैं, जिसके चलते वे इन प्रत्याशियों के यहां पहुंचकर अपनापन जता रहे हैं। यही नहीं सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि ये भितरघाती अब इस बात का श्रेय लेने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं कि उन सहित सभी के साझा प्रयासों से ही पार्टी प्रत्याशी जीते हैं।
सोशल मीडिया पर बधाई देकर साधने का प्रयास
भितरघाती कांग्रेसी पासा पलटते ही स्वयं का पार्टी का पुराना व कर्मठ कार्यकर्ता बताने के लिए न सिर्फ जीते हुए प्रत्याशियों के घर में घुसने का प्रयास कर रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़कर विजयी प्रत्याशियों को बधाई देकर अपने द्वारा किए गए कृत्यों को ढंकने के प्रयास में जुट गए हैं। फेसबुक और वॉट्सएप पर ऐसे तमाम भितरघातियों के बधाई संदेशों की आई बाढ़ को सहजता से देखा जा सकता है।
बागी नेता, न घर के रहे न घाट के
कांग्रेस से बगावत करके अन्य दल या निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले कांग्रेसी अब घर के रह गए हैं और न ही घाट के, क्योंकि इन नेताओं को उम्मीद थी कि या तो वे स्वयं चुनाव जीत लेंगे अथवा पार्टी प्रत्याशी को हरवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर दूसरे प्रत्याशी के खास बन जाएंगे, लेकिन परिणाम इसके उल्टे आने से इनके लिए खासी परेशानी पैदा हो गई है और वे असमंजस में हैं कि अब करें तो आखिर क्या करें? बहरहाल राजनीति में सब कुछ जायज है, वाली कहावत को चरितार्थ होते हुए कांग्रेस में इस समय देखा जा सकता है, जिसमें परस्पर विरोधी नेताओं का पलड़ा भारी होते ही उन्हें साधने के प्रयास शुरू हो गए हैं। हालांकि जीतने वाले नेता भी हकीकत से भली-भांति परिचित हैं, लेकिन फिलहाल वे भी सबको साधने के लिए किसी का प्रतिकार करते नजर नहीं आ रहे हैं।
मुन्नालाल ने जताया जनता व कार्यकर्ताओं का आभार
ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल ने चुनाव में जीत के बाद क्षेत्र की जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया है। श्री गोयल ने अपने संदेश में कहा है कि मुझे विधानसभा चुनाव में मिली विजय क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि मैं जनता के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरकर क्षेत्र की प्रगति एवं विकास के लिए कार्य कर सकूं।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने जीते प्रत्याशियों को दी बधाई
विधानसभा चुनाव में विजयी हुए कांग्रेस प्रत्याशियों को पार्टी पदाधिकारियों ने बधाई दी है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में विधानसभा चुनाव में विजयी हुए कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शुभकामनाएं एवं बधाई देने के साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। बधाई देने वालों में पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव, अशोक सिंह, रमेश अग्रवाल, अशोक शर्मा, सुनील शर्मा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, चन्द्रमोहन नागोरी, सुरेन्द्र शर्मा, आशीष प्रताप सिंह राठौर, रश्मि पवार शर्मा, आनंद शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, बाल खांडे, कृष्णराव दीक्षित, संजय सिंह यादव, शम्मी शर्मा, इस्माइल खां पठान, अशोक प्रेमी, किशन मुद्गल, राजकुमार शर्मा, कमलेश कौरव सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हैं।