कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी शोभा सिकरवार को अपनों से ही मिल रही चुनौती
ग्वालियर। कांग्रेस में महापौर पद का प्रत्याशी की घोषणा से पहले ही जिस तरह से विवाद उठ खड़ा हुआ उसके बाद से ही शोभा सिकरवार को अपनों से ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उनके प्रचार अभियान को लगभग दो सप्ताह होने को है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें समूचा चुनाव अपने पति और उनके आभा मंडल के सहारे ही लडऩा होगा, क्योंकि संगठन की ओर से अभी तक उनके लिए कोई पहल नहीं की गई है। यही कारण है कि उनके चुनाव की कमान या तो ललितपुर कॉलोनी वाले कार्यालय अथवा महापौर के कुंदन गेस्ट हाउस पड़ाव पर खोले गए चुनाव कार्यालय से संचालित की जा रही है, जिसमें कांग्रेस कार्यकारिणी के 338 पदाधिकारियों में से इक्का-दुक्का ही अब तक पहुंचे होंगे।
मजेदार बात यह है कि शिंदे की छावनी स्थित कांग्रेस कार्यालय में अभी तक एक बैठक भी नहीं ली गई है। वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। इसके साथ ही गुरुवार की रात कुंदन गेस्ट हाउस पर पार्षद प्रत्याशियों की बैठक में शोभा सिकरवार को यह कहना पड़ा कि उनके लिए संगठन ही सर्वोपरि है पति नहीं। इसमें कहीं न कहीं यह बात आ रही है कि संगठन के साथ नहीं होने के पीछे उनके पति से हुए विवाद को जोड़ा जा रहा है। उनकी खिलाफत एक वर्ग विशेष से जुड़े नेता कर रहे हैं। वे उन पार्षदों के प्रचार में तो निकल रहे हैं, जिनके टिकट उन्हीं ने पक्की कराए लेकिन महापौर के लिए मत नहीं मांग रहे। इतना ही नहीं पार्षद प्रत्याशियों के पोस्टर,क्योस्क में महापौर के चित्र भी नहीं लगा रहे।