श्रद्धांजलि की आड़ में कांग्रेस ने की राजनीति
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ग्वालियर। प्रदेश में उपचुनाव की आहट के साथ तेज हो रही राजनीति का असर आज ग्वालियर में भी देखने को मिला। देश के स्वाभिमान की रक्षा में साल 1857 की क्रांति में अपने प्राणों का बलिदान देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर भी नजर आई। बलिदान दिवस के अवसर पर महारानी को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने सिंधिया राजघराने पर जमकर हमला बोला।
बलिदान दिवस के अवसर पर ग्वालियर-चम्बल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा, पार्टी प्रवक्ता आरपी सिंह सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर आदरांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ नेता मिश्रा ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई स्वतंत्रता संग्राम की वह नायिका थी जिन्होंने अपने देशप्रेम और आज़ादी के सपनों को साकार करने के लिए अंग्रेज हुकूमत के आगे घुटने न टेकने के संकल्प के साथ गद्दारों के हाथों अपना बलिदान देना उचित समझा। जिनकी वजह से उनकी जान गई। उन्हें सभी जानते है।
सिंधिया के जाने से बौखलाई कांग्रेस -
केके मिश्रा ने कहा कि अब वक्त का तकाज़ा है कि कई सालों के संघर्ष,त्याग,महारानी लक्ष्मीबाई सहित हजारों-लाखों कुर्बानियों के बाद हमें प्राप्त आज़ादी तथा इस बाबत बलिदानियों का सम्मान करने वाला हर सच्चा नागरिक उन्हें सबक सिखायेगा। मिश्रा ने आगे कहा कि इतिहास इस बात का भी साक्षी है कि ग्वालियर-चम्बल संभाग के नागरिक सभी गलतियों, अपराधों को माफ़ कर सकते हैं किंतु गद्दारों को माफ़ी उनके शब्दकोष में नहीं है,उनका यह सद्गुण स्तुत्य है,इसका प्रमाण आने वाले दिनों में दिखाई भी देगा।
मिश्रा द्वारा लगाए जा रहें आरोपों के बाद मीडिया ने सवाल किया की सिंधिया जी के पार्टी में रहते क्या आपको यह अवगुण उनमें और उनके परिवार में नजर नहीं आये। इस सवाल का जवाब देते हुए मिश्रा ने कहा की हम भ्रम में थे।
गौरतलब है की ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में रहते कांग्रेस पार्टी को कभी महारानी लक्ष्मीबाई और उनके बलिदान की याद नहीं आई। कभी सिंधिया की तारीफ करते रहने वाले नेताओं के बदले सुर उनके अपने समर्थकों सहित कांग्रसे पार्टी छोड़ने के बाद नजर आ रहें है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही बौखलाए कांग्रेस नेताओं द्वारा उनके खिलाफ बयानबाजी की जा रही है। सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों द्वारा कांग्रेस छोड़ने से प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। जिसकी बौखलाहट में कांग्रेस नेताओं को सिंधिया के पार्टी से जाते ही हजारों अवगुण नजर आने लगे हैं। बता दें की सिंधिया के पार्टी में रहते कांग्रेस द्वारा नाही उन्हें सम्मान दिया जा रहा था। नाही उनकी मांगे सुनी जा रही थी, जिसके चलते उन्हें सड़क पर उतरने की बात कहना पड़ी थी।