कांग्रेस का ग्वालियर लोकसभा सीट पर फोकस, ये...नेता है प्रबल दावेदार
ग्वालियर। अप्रैल -मई में संभावित लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के साथ सभी दलों ने अपनी -तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा जहां फिर विधानसभा चुनाव की तरह तैयारी कर मप्र में क्लीन स्वीप करना चाहती है तो कांग्रेस विस चुनाव की पराजय से सबक लेकर लोकसभा चुनाव में बेहतर चुनाव परिणाम लाने के लिए कवायद में जुट गई है। मप्र की ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस फोकस कर रही है और मुकाबले को संघर्षपूर्ण बनाने की रणनीति बना रही है। नवंबर में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पडा़ था। विधानसभा चुनाव की कमियों से सबक लेकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सजगता से काम कर अपनी रणनीति बना रही है।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तीन स्तर पर संभावित उम्मीदवारों की तलाश शुरू कराई है। प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। ग्वालियर -चंबल संभाग की ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए विपिन वानखेड़े को प्रभारी बनाया है। मुरैना-श्योपुर के लिए पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, भिण्ड-दतिया के लिए नितेन्द्र सिंह व गुना -शिवपुरी के लिए पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव को प्रभारी बनाया है। इन प्रभारियों ने अपने -अपने क्षेत्रों में दौरा कर कार्यकर्ताओं और नेताओं से संपर्क का एक दौर पूरा कर लिया है। कांग्रेस नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि फरवरी के अंत और मार्च के पहले पखवाड़े तक वह अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार देगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए भी यह चुनाव अग्नि परीक्षा वाले हैं उन्हें बेहतर चुनाव परिणाम लाकर अपने नेताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है, इसलिए वह सभी वरिष्ठ नेताओं को साध चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। ग्वालियर -चंबल संभाग की ग्वालियर लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है और उसने यहां अपना फोकस कर दिया है। दर असल केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे से मप्र में वर्ष 2019 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी और 2023 के विधानसभा चुनाव में भी ग्वालियर-चंबल संभाग में वह 34 में से सिर्फ 16 सीटें ही जीत पाई थी ,जबकि 2018 के विस चुनाव में उसने अंचल की 34 में से 26 सीटें जीतीं थीं और मप्र में वह सत्तारूढ़ हुई थी। कांग्रेस अब ग्वालियर -चंबल संभाग में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है और उसी के मद्देनजर वह अपनी तैयारी कर रही है। नवंबर 2023 में हुए विस चुनाव में ग्वालियर लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 4 सीटें जीती हैं और भाजपा से 8 सीटों के कुल प्राप्त मतों में आगे रही है।
यादव -वानखेड़े ने संभाली कमान
ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने विपिन वानखेड़े को प्रभारी बनाया है। वह बीते माह दो बार यहां आकर कार्यकर्ताओं व नेताओं की बैठक ले चुके हैं। कांग्रेस के बरिष्ठ नेता अरुण यादव भी यहां आकर बानखेड़े के साथ पार्टीजनों की बैठक लेकर चुनाव के लिए पार्टीजनों का मन टटोलकर जोश भर गए हैं। अब 4 फरबरी को यहां कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक भी ग्वालियर में होने जा रही है।इस बैठक में चुनाव तैयारियों से लेकर लोकसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों पर विचार होगा। वहीं मार्च में आ रही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोडो़ न्याय यात्रा के भव्य स्वागत की तैयारियों को लेकर भी रणनीति बनेगी।
कौन होगा उम्मीदवार
ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि भाजपा यहां से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अथवा राम लहर के चलते बजरंग दल के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस इन्हीं नामों को लेकर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो वरिष्ठ नेता अशोक सिंह का नाम सामने आता है। वह लोकसभा के कई चुनाव लड़ चुके हैं और पराजित होते रहे हैं।वह चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं। इसी प्रकार ग्वालियर पूर्व के विधायक सतीश सिकरवार भी चुनाव लडऩे के मूड में नहीं हैं। सिकरवार के अनुज सत्यपाल सिंह सिकरवार ( नीटू ) मुरैना सीट से चुनाव लडऩे के लिए प्रयासरत हैं। पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी भी संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। वह 2004 में भाजपा के जयभान सिंह पवैया को पराजित कर ग्वालियर का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ग्वालियर दक्षिण के पूर्व विधायक प्रवीण पाठक पर भी कांग्रेस दांव लगा सकती है। वह युवा भी हैं और सक्रिय होने के साथ कांग्रेस में उनकी अच्छी छवि है। इसके साथ ही शहर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा भी चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वह छात्र नेता भी रहे हैं और विधानसभा के लिए भी अपनी दावेदारी कर चुके हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया है।
विधानसभा चुनाव में मिले अधिक वोट
नवंबर में संपन्न हुए मप्र विधानसभा के चुनाव में ग्वालियर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 8 सीटों में से भाजपा-कांग्रेस को 4-4 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन आठों सीटों के कुल मतों में कांग्रेस , भाजपा पर भारी पडी़ थी। भाजपा को ग्वालियर विस सीट पर 19,140, दक्षिण में 2536 , भितरवार में 22354 व करैरा में 3103 मतों से जीत हासिल की थी। चारों विधानसभा सीटों से कुल बढ़त 47,133 वोटों की थी। वहीं कांग्रेस को ग्वालियर ग्रामीण में 3282, पूर्व में 15,353 , डबरा में 2267 व पोहरी में 49,481 मतों से जीत मिली थी। कांग्रेस इन चारों सीटों के कुल मतों मतों में 70, 383 मतों से आगे रही थी। इस प्रकार आठों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस , भाजपा से 23, 250 मतों से आगे रही है।इन्हीं मतों के आधार पर वह ग्वालियर लोकसभा सीट जीतने का दावा कर अपनी रणनीति बना रही है।