निजी अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर कोरोना संक्रमित
ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों ने अब कोविड सेन्टरों की भी स्थिति बिगाडऩी शुरू कर दी है। जिस कारण कई संक्रमित निजी अस्पताल या दिल्ली जाकर उपचार कराने को मजबूर हैं। उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं में इजाफा करने के लिए कोई प्रयास न करते हुए सिर्फ सामान्य आईसोलेशन सेन्टर बनाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में करीब एक हजार संक्रमितों को भर्ती करने की व्यवस्था की है। इसमें गंभीर मरीजों को जयारोग्य के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। लेकिन कई संक्रमित मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें सांस लेने में परेशानी होने के साथ ही पूर्व से अन्य बीमारियां होती हैं। जिस कारण कई संक्रमित मरीजों को वेन्टीलेटर की भी जरूरत पड़ रही है।
सुपर स्पेशलिटी की बात करें तो यहां 178 पलंग हैं। इसमें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वर्तमान में 30 पलंग आईसीयू के भी शामिल हैं। इसके अलावा वेन्टीलेटर की बात करें तो यहां करीब 50 ही हैं। जबकि वर्तमान में जिले में संक्रमितों की बात करें तो प्रतिदिन 200 ऊपर नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। इसमें कई संक्रमितों की स्थिति गंभीर और कई 60 वर्ष से ऊपर के भी होते हैं। जिन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है। लेकिन सुपर स्पेशलिटी में पलंगों की संख्या व वेंटीलेटर की संख्या कम होने के कारण वहां पलंग भरना शुरू हो गए हैं। जिस कारण अब कई संक्रमित मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों या दिल्ली जाकर उपचार कराना पड रहा है। उसके बाद भी प्रशासन वेंटीलेटर व आईसीयू के पलंग बढ़ाने की तरफ कोई ध्यान न दे रहा है।
निजी अस्पतालों को कर सकते हैं अधिगृहित
इधर प्रदेश के अन्य जिलों की बात करें तो शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करते हुए उनके वेंटीलेटर व आईसीयू में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। लेकिन ग्वालियर में प्रशासन द्वारा इस तरह के प्रयास तक नहीं किए जा रहे हैं।