कोरोना के कारण बहुत कम पैसों में हो रहे हैं विवाह

कोरोना के कारण बहुत कम पैसों में हो रहे हैं विवाह
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विवाह का आज अंतिम मुहूर्त

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण के कारण जहां आर्थिक व मानसिक रूप से देश-दुनियां को भारी नुकसान का सामान करना पड़ा है, वहीं कुछ लाभ भी हुए हैं। उन लाभों में से एक लाभ यह है कि विवाह में खर्च होने वाला लोगों का लाखों रुपया बच रहा है। विवाह में मात्र 50 लोगों के शामिल होने के कारण खान-पान के पैसों की भी बचत हो रही है। कोरोना से पहले एक सामान्य विवाह जो 10 से 15 लाख रुपए में निपटता था, वह आज मात्र 1 से 2 लाख रुपए में निपट रहा है। ज्योतिषाचार्यों की राय के अनुसार आज मंगलवार को विवाह का अंतिम मुहूर्त है। इसके बाद आगामी पांच माह तक कोई विवाह नहीं है। सोमवार को भड़ली नवमी के अवसर पर कई विवाह संपन्न हुए।

कन्या पक्ष को नहीं लेना पड़ रहा है कर्ज

एक पिता अपनी बेटी के विवाह के लिए जीवन भर एक-एक पैसे को जोड़ता है। इसके बाद वह कहीं जाकर अपनी बेटी का विवाह कर पाता है। इतने पर भी उसे कर्ज लेना पड़ जाता है। मगर वर्तमान परिस्थितियों के कारण विवाह पर खर्च होने वाला पैसा बहुत कम हो गया है। मात्र रस्म निभाकर बेटियों का विवाह हो रहा है। इससे कन्या पक्ष को लाखों रुपए की बचत हो रही है और कर्ज भी नहीं लेना पड़ रहा है।

बैंड-बाजों की नहीं सुनाई दे रही धुन

कोरोना के कारण विवाह में लगने वाला तामझाम खत्म हो गया है। विवाह में न तो बैण्ड-बाजों, डैक, बड़े-बड़े पंडाल आदि किसी की भी जरूरत नहीं पड़ रही है। विवाह बहुत ही सादगी पूर्ण ढंग से निपट रहे हैं। खाने पर खर्च होने वाला लाखों रुपया भी बच रहा है। साथ ही लजीज व्यंजनों की बर्बादी भी नहीं हो रही है।

भड़ली नवमी पर हुए कई विवाह

देवशयनी ग्यारस से पहले भड़ली नवमी होती है। इस दिन विवाह के लिए कोई मुहुर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। सोमवार को भड़ली नवमी पर कई विवाह संपन्न हुए। वर-वधु ने सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए एक दूसरे को वर माला पहनाई।

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