महिला संक्रमित निकली तो शव छोड़कर भागे परिजन

अंतिम समय में भी नहीं दिया साथ, तीन दिन शवगृह में रखा है संक्रमित का शव

ग्वालियर, न.सं.। कहते हैं कि चिता पर लेटने के बाद इंसान का वो सफर शुरू होता है जो कि उसे मोक्ष तक ले जाता है। लेकिन हैरत की बात यह है कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद परिजन शव के अंतिम संस्कार मेें भी नहीं पहुंच रहे हैं। जिसका एक मामला जयारोग्य चिकित्सालय से भी सामने आया। जब मौत के बाद परिजनों को सूचना दी गई तो वह अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं पहुंचे। जिस कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका।

भिण्ड निवासी 73 वर्षीय सुनीता बाई का स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते परिजन तीन दिन पूर्व जयारोग्य चिकित्सका लेकर पहुंचे तो चिकित्सक ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए उन्हें आईसोलेशन वार्ड भर्ती कराया। जहां कोरोना की जांच के लिए उनका नमूना भी लिया गया। इधर गत दिवस रविवार को तड़के उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई, जिस पर चिकित्सकों ने उनका शव विच्छेदन गृह भिजवा दिया। रविवार की ही शाम को आई जांच रिपोर्ट में उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई। इधर परिजनों को जैसे ही पता चला कि उनके मरीज को कोरोना निकला है तो वह अपने घर भिण्ड लौट गए। इतना ही नहीं सोमवार की शाम 5 बजे तक चिकित्सक परिजनों का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी शव लेने नहीं पहुंचा। इसके बाद जयारोग्य की डॉ. नीलिमा सिंह ने परिजनों से सम्पर्क कर उन्हें आने के लिए कहा। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी अतिबल सिंह ने बताया कि हम सुबह से परिजनों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई भी नहीं आया। जिस कारण सुनीता बाई का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। क्योंकि पंचनामे पर परिजनों के हस्ताक्षर लिए जाते हैं। अगर परिजन नहीं आते हैं तो अंतिम संस्कार की कार्रवाई की जाएगी।

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