तीन महीने लड़ी कोरोना से जंग, प्लाज्मा थैरेपी कराई, स्वस्थ होकर नौकरी पर लौटे
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना वायरस के कहर के बीच श्रमिकों की मदद करते समय आरटीआई व सिकंदरा चेक पोस्ट के प्रभारी नवलकिशोर बाथम कोरोना ने जकड़ लिया। 23 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट संक्रमित आई और वायरस को प्रकोप ऐसा हावी हुआ कि तीन महीने तक अस्पताल में ही भर्ती रहकर जिंदगी की जंग लड़ते रहे। भोपाल के चिरायु और दिल्ली के एम्स में इलाज कराया। यहां तक की उन्हें वेंटीलेटर पर रखना पड़ा और प्लाज्मा थैरेपी करानी पड़ी। करीब तीन महीने जिंदगी की जंग लडऩे के बाद वह स्वस्थ हो गए हैं। लेकिन उनके मन में अभी भी वायरस का वह दंश जिंदा है, जिसने उन्हें बुरी तरह झकझोर दिया था। लेकिन श्री बाथम ने हार नहीं मानी और डटकर इस चीनी वायरस का मुकाबला किया और स्वस्थ होकर घर वापस लौट आए। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं। परिवहन विभाग ने उन्हें चिरुला चेक पोस्ट का प्रभारी बनाया है।
आरटीआई श्री बाथम बताते हैं कि गरीब व परेशान लोगों की मदद करते समय वायरस ने मुझे चपेट में लिया। मैंने तीन महीने में मौत को कई बार नजदीक से देखा। कई बार ऐसा लगा कि अब जीवन नहीं बचेगा लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। कुछ समय तो हालत बहुत ही खराब रही, लेकिन प्लाज्मा थैरेपी के बाद आराम मिलने लगा। नियमित योग, सात्विक खान-पान व चिकित्सकीय सलाह अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ हो गया हूं। कहीं न कहीं ईश्वर की कृपा व पुण्य कर्मों का नतीजा है कि मैं आज स्वस्थ होकर फिर से नौकरी पर लौट आया हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से घबराएं नहीं बल्कि उससे डटकर मुकाबला करें। सकारात्मक सोच, सात्विक भोजन व नियमित व्यायामं से मन शांत रहता है और बीमारी से लडऩे में सहायता मिलती है।