अब ईकोग्रीन पर होगी सख्ती, वाहनों को जप्त करेगी निगम
ग्वालियर,न.सं.। ईको ग्रीन कंपनी और नगर निगम के बीच चल रही खींचतान के कारण शहर में कचरे का प्रबंधन लडख़ड़ाने लगा है। डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित करने का काम भी बिगड़ता दिखाई दे रहा है। घर-घर से कचरा लेने के साथ-साथ शहर से कचरा उठाने की जिम्मेदारी लेने वाली ईको ग्रीन कंपनी पर अब कानूनी सलाह लेकर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। निगमायुक्त संदीप माकिन ने बुधवार को निगम प्रशासक आशीष सक्सैना को पत्र लिखकर ईकोग्रीन के वाहन जप्त करने की अनुमति मांगी है। बताया जा रहा है कि प्रशासक की अनुमति मिलने के बाद नगर निगम ईकोग्रीन के वाहन जप्त करेगा। यहां बता दे कि ईको ग्रीन कंपनी को फरवरी 2019 से सभी 66 वार्डों से कचरा उठाना था। लेकिन अभी तक कंपनी 42 वार्डों से ही डोर टू डोर कचरा एकत्रित कर रही थी। शेष वार्डों में नगर निगम का अमला कचरा उठा रहा है। लेकिन ईकेग्रीन कंपनी और कर्मचरियों के बीच तालमेल नहीं बैठने के कारण ईकोग्रीन कंपनी की गाडिय़ा शहर से कचरा नहीं उठा पा रही है।
उधर निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि शहर में सफाई व्यवस्था चाक चौबंद है। जबकि शहर के हालात साफ झुठलाते दिखाई दे रहे हैं। शहर के अधिकांश इलाकों में न तो झाड़ू लग रही है, न ही कचरा उठाया और समेटा जा रहा है। जिससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं। छह दिन से लगातार सफाई न होने के कारण यह गंदगी लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में कई कालोनियों और बाजारो में तो प्रवेश द्वार ही बंद हो गए हैं।
शहर में कई क्षेत्रीय कार्यालयों के बाहर ही कचरा जमा है, वहीं नई सडक़ पर दुकानों के बाहर लगी गंदगी के कारण दुकानदार दुकान तक नहीं खोल पा रहे, जो दुकानें खुलीं हैं, वहां बदबू और गंदगी इतनी है कि ग्राहक दुकानों की सीढ़ी नहीं चढ़ रहे। इधर सुभाष मार्केट के पीछे के हिस्से में बने नेहरू मार्केट के प्रवेश पर बड़ी तादाद में कचरा जमा हो गया है, जिससे ग्राहक भीतर जाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। यही नहीं इन पर मंडराते सूअर अलग परेशानी का सबब बने हुए हैं। गांधी मार्केट के पास भी कमोवेश यही हाल है। उधर विनय नगर के समीप उरवाई गेट पर चार दिन से कचरा न उठाए जाने के कारण यहां भी हालात बदतर हैं। यही हाल उप नगर ग्वालियर और मुरार में भी है।
वेतन मिलने पर ही काम करेंगे ईकोग्रीन कर्मचारी
निगम द्वारा शहर से डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित का काम करने वाली फर्म के लगभग 500 से ज्यादा चालक/हेल्पर का काम बंदी आदोलन जारी है। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि कंपनी द्वारा वेतन देने के बाद ही कंपनी के संसाधनो से पुन: शहर की सफाई व्यवस्था की कमान संभालेंगे। हालांकि निगम द्वारा खुद सफाई व्यवस्था संभालने के मुद्दे पर कंपनी कर्मचारी अपने भविष्य व नौकरी को लेकर बेबस नजर आ रहे है।
वाहन मिलते ही निगम उठेगा कचरा
अगर प्रशासन द्वारा ईकोग्रीन कंपनी के वाहनों को जप्त करने की अनुमति दी जाती है, तो वाहन मिलने पर निगम के कर्मचारियों के साथ कुछ ईकोग्रीन कंपनी के कर्मचारियों को साथ लेकर डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित करने के लिए वाहनों को वार्डो में भेजा जाएगा।