ग्वालियर में पत्रों का जवाब नहीं मिलने पर भड़के पार्षद, बोले- अधिकारियों के खिलाफ लाएंगे निंदा प्रस्ताव
ग्वालियर। नगर निगम परिषद की अभियाचित बैठक में शुक्रवार को पार्षदों के कार्यो एवं शिकायतों के दिए गए लेटरपेेड का जबाव नहीं मिलने विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के पार्षद भडक़ गए। विपक्ष के पार्षदों का कहना था कि अगर अधिकारी पत्रों का जबाव नहीं देंगे तो हम उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लाएंगे। गुस्साएं पार्षदों ने सभापति की आसंदी पर अपने-अपने लेटर पेड तक वापस कर दिए। नेेता प्र्रतिपक्ष हरिपाल ने यह शर्मनाक घटना है। जिस पर सभापति ने विपक्ष के पार्षदों से कहा आप सदन में निंदा प्र्रस्ताव लेकर आओं। पार्षदों ने निगम कार्यशाला में भ्रष्टाचार, उपयंत्री आरके शुक्ला को हटाए जाने को लेकर जमकर हंगामा किया। पार्षदों की बात को सुनने के बाद सभापति मनोज तोमर ने आसंदी से 15 दिन में पार्षदों के पत्रों की जानकारी संतोषजनक जवाब के साथ सदन में देने, कार्यशाला में भ्रष्टाचार व घोटाले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित किए जाने के निर्देश प्रभारी आयुक्त आरके श्रीवास्तव को दिए गए। परिषद में भगवान राम मंदिर के निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया। जबकि हरदा में हुई घटना पर शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही परिषद को 12 फरवरी दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
जलविहार में दोपहर तीन बजे से बैठक की शुरूआत की गई। एजेंडा के बिंदु क्रमांक आठ पार्षदो के कार्यो एवं शिकायतों के दिए गए लेटरपेेड के संबंध में चर्चा शुरू की गई। चर्चा के दौरान अर्पणा पाटिल ने कहा कि पत्र व्यक्तिगत नहीं होता है पार्षद के पत्रों को नजर अंदाज करना मतलब जनता को नजर अंदाज करना है। निगम अधिकारी पत्रों को नजर अंदाज करते है। कोई भी जानकारी मांगने के लिए आरटीआई लगानी पड़ती है उसमें भी गोल-मोल जबाव दिए जाते है। मोहित जाट ने कहा कि पार्षदों के लेटर की बात ही छोड़ो अधिकारी आपस में ही लेटरों को गायब कर रहे है। पार्षदों के पत्रों के जबाव देने के लिए एक समय सीमा तय की जानी चाहिए। सुनीता अरुणेश कुशवाह ने कहा कि पंप ऑपरेटरों को हटाने के आदेश जारी हो चुके है, लेकिन उसके बाद भी कर्मचारी काम कर रहे है। आयुुक्त के साथ महापौर को भी पत्र लिख दिया, लेकिन कर्मचारी आज भी वार्ड में काम कर रहे है। पार्षद देवेन्द्र राठौर ने कहा कि परिषद में आने से बहुत दुखी है। पत्र देते है तो अधिकारी जबाव तक नहीं देेते। भगवान कुशवाह ने कहा कि उनके क्षेत्र में पार्लर की गुमटी अवैध रूप से रखी हुई है। पत्र देने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विवेक त्रिपाठी ने कहा कि मौलिक निधि के पत्रों का टेंडर नहीं लग रहे है। अगर ऐसा ही रहा तो सभी 66 पार्षद अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्र्रस्ताव लाएंगे।
सात दिनों में देेना था पत्रों का जबाव
पार्षद नागेन्द्र राणा ने कहा कि पत्रों का जबाव सात दिन में देना था, इसके लिए आसंदी से ही ठहराव पारित किया गया था। लेकिन अधिकारी पार्षदों के पत्रों को कचरे में डाल देते है। परिषद और पार्षदों का कोई ओचित्य ही नहीं है। अधिकारी जब सभापति की नहीं सुुन रहे है तो हम अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्र्रस्ताव लाएंगे।
कांग्रेस पार्षदों के वार्डो में डल रही पाइप लाइन
बसपा पार्षद सुुरेश सोलंकी ने कहा कि उनका वार्ड बस्ती में आता है। वार्ड में कोई काम नहीं हो रहे है। कांग्रेस पार्षदों के वार्डो में पाइप लाइन डलती है। मैं यहां का अब नाश्ता तक नहीं करूंगा। क्योंकि जनता ही हमें खरी खौटी सुुननी पड़ती है। बाद में जब नाश्ता आया तो सोलंंकी नाश्ता करते दिखाई दिए।
डिपो से डीजल हो रहा चोरी, अपात्रों को दे रखे वाहन
कार्यशाला व डिपो पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने कहा कि डिपो से डीजल चोरी हो रहा है। जिसके वीडियों भी पार्षदों ने बैठक में दिखाए। पार्षद मोहित जाट ने कहा कि दमकल की गाड़ी कटकर बेच दी गई। डिपो से डीजल चोरी करने के बाद उसे 20 रुपए सस्ती दरों पर बाजार में बेचा जा रहा और अधिकारियों के नाते रिश्तेदारों व परिजनों की गाड़ी किराय पर लगी हुई है। यह जानकारी अपर आयुक्त विजय राज, कार्यशाला प्रभारी श्रीकांत काटे को भी, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए कार्यशाला की जांच के लिए समिति गठित की जाए। नेता प्रतिपक्ष हरीपाल ने कहा कि कार्यशाला में स्टोक की एंट्री ठेकेदार ही कर रहे है। कार्यशाला मौत का कुंआ है उसका खिलाड़ी कोई ओर है।
अधिकारियों से लड़ऩा है डरना नहीं
नेेता प्र्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा लेटर पेड वापस करने पर विपक्ष के पार्षदों से कहा कि अधिकारियों से लड़ऩा है डरना नहीं है। अधिकारी चुुनाव नहीं जितो जनता चुनाव जिताती है।
शुक्ला को मूल विभाग में क्यों नहीं भेजा
पार्षद बृजेेश श्रीवास ने कहा कि उपयंत्री रामू शुक्ला को उनके मूल विभाग में वापस क्यों नहीं भेजा रहा है। ती तीन पत्र आने के बाद भी उनकी सेवाएं क्यों ली जा रही है। जिस पर एमआईसी सदस्य अवधेश शुुक्ला ने कहा कि अभियाचित बैठक में बिंदु की जगह उपयंत्री पर चर्चा क्येां हो रही है, तो मोहित जाट ने यहां ततक कह डाला कि आप बचाव क्यों कर रहे हो? आपकी क्या सेटिंग हो गई है।