ग्वालियर के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी को कोर्ट ने सुनाई सजा, भ्रष्टाचार के केस में चार साल की सजा

ग्वालियर के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी को कोर्ट ने सुनाई सजा, भ्रष्टाचार के केस में चार साल की सजा
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ग्वालियर।नगर निगम के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस के मित्तल को न्यायालय ने चार साल की सजा से दंडित किया है। डॉ मित्तल को यह सजा नौ वर्ष पूर्व रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त द्वारा ट्रेप किए जाने के मामले में मिली है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त संगठन राखी सिंह ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 7 मार्च 2014 को आवेदक अजय गुप्ता क्षेत्राधिकारी क्षेत्र के 01 बहोड़ापुर नगर निगम द्वारा तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस.के. मित्तल के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर को एक शिकायती आवेदन पत्र दिया। जिसमें बताया गया कि 030 जून 2013 को मित्तल ने आवेदक को क्षेत्र के जीवाजीगंज के नाले में सफाई हेतु आदेशित किया था तथा इस कार्य हेतु एक लाख 40 हजार 800 रूपए की स्वीकृति देकर अग्रिम राशि का चैक 70 हजार 400 रूपए विभाग द्वारा दिया गया था।

आवेदक द्वारा यह कार्य जून 2013 में पूर्ण करने के उपरान्त श्रमिकों को एक लाख 40 हजार 800 रूपए का भुगतान कर दिया गया था।आवेदक ने सितम्बर 2013 में प्रकरण तैयार कर अग्रिम राशि 70 हजार 400 रूपए के भुगतान के समायोजन एवं शेष राशि 70 हजार 400 रूपए का भुगतान कराने हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसे डॉ मित्तल ने स्वीकृत करने के लिये छह हजार रूपए की रिश्वत मांगी। आवेदन पत्र को पुलिस अधीक्षक ने तत्कालीन निरीक्षक शैलजा गुप्ता को कार्यवाही हेतु दिया। जिसपर से लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी एस. के. मित्तल को छह हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकडऩे पर अप. क्र.114/14 दर्ज करते हुए विधिवत अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आदित्य रावत द्वारा बुधवार को आरोपी एसके मित्तल को धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। साथ ही धारा 13,(1),डी,13,(2),पीसी एक्ट 1988 में चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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